नई दिल्ली गुजरात में जहां महात्मा गांधी ने 1930 नमक के लिए दांडी मार्च निकाली थी। अब वह जगह आपको देखने को नहीं मिलेगी। क्योंकि गुजरात सरकार के नेशनल हाईवे डिवीजन ने मील के पत्थर के साथ गड़बड़ी कर दी है।

वह कहते हैं ‘पुराने मील के पत्थर में कनकपुरा का उल्लेख है लेकिन नए मील के पत्थरों में ‘चक्र’ का चिन्ह और ‘दांडीपथ’ का उल्लेख है जो कि इस ऐतिहासिक मार्ग को देहवन का हिस्सा बताता है।’
कनकपुरा गांधी आश्रम का घर भी है जिसे केंद्र सरकार ने दांडी हेरिटेज रूट के अंतर्गत 2011 में चार करोड़ की लागत से बनाया था। हाईवे के अधिकारियों ने न केवल एतिहासिक मार्ग पर स्थलों के साथ छेड़खानी ही नहीं की बल्की उन्होंने माइलस्टोंस को स्थलों के बीच की दूरी गलत तरीके से पेश की है। कनकपुर उन 21 स्थानों में से एक है जहां गांधीजी ने रात बिताई थी।