सिंगापुर से एक भारतीय शख्स को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है। उसपर करोड़ों का कॉल सेंटर घोटाला करने का आरोप है जिसने अमेरिकीयों को निशाना बनाया था। इस भारतीय का नाम हितेश मधुभाई पटेल है, जिसकी उम्र 42 साल और वह अहमदाबाद का निवासी है। उसे शुक्रवार को अमेरिकी अदालत के सामने पेश किया गया। 2016 में हटाए गए अभियोग के अनुसार पटेल और 60 अन्य लोगों पर सामान्य षड्यंत्र रचने, वायर फ्रॉड षड्यंत्र रचने और मनी लांड्रिंग षड्यंत्र करने के आरोप लगे हैं।
अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि बड़े पैमाने पर भारत स्थित टेलीफोन प्रतिरूपण फ्रॉड और मनी लांड्रिंग षड्यंत्र ने हजारों अमेरिकी नागरिकों को करोड़ों डॉलर का चूना लगाया था। असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल ब्रायन बेनजकोव्स्की ने कहा कि पटेल ऐसा कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे जो कमजोर अमेरिकी लोगों को निशाना बनाने की योजना का हिस्सा था। उन्होंने कहा, ‘यह प्रत्यर्पण एक बार फिर से विभाग की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
अपने विदेशी साझेदारों के साथ काम करके उन लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया जिन्होंने भारत स्थित कॉल सेंटर के जरिए हमारे नागरिकों के साथ धोखधड़ी की।’ न्याय विभाग का कहना है कि सिंगापुर के अधिकारियों ने पटेल को अमेरिका के पिछले साल सितंबर में जारी किए गए अतंरिम गिरफ्तारी वारंट के बाद प्रत्यर्पित किया था। वह भारत से सिंगापुर भाग गया था। सिंगापुर के कानून मंत्री ने पटेल को अमेरीका की हिरासत में भेजने के लिए 25 मार्च, 2016 को वारंट जारी किया था।
पटेल पर एच ग्लोबल कॉल सेंटर चलाया और एक धोखाधड़ी वाली योजना में हिस्सा लिया जिसमें अहमदाबाद के कई कॉल सेंटर शामिल थे। डाटा ब्रोकर्स और अन्य स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार भारत आधारित षड्यंत्रकारियों ने आंतरिक राजस्व सेवा (आईआरएस) या अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं के अधिकारियों के तौर पर कथित संभावित पीड़ितों को फोन किया। इसके बाद वह पीड़ितों को गिरफ्तारी, सजा, जुर्माना और निर्वासन का डर दिखाकर पैसा लेते थे।