नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन और तेज होने वाला है। मंगलवार को दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारे में हुई ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई। बैठक में शिरकत करने आये प्रतिनिधियों ने फैसला लिया कि संसद द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ 5 नवंबर को देशभर में किसान दिन में 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे। तो 26 और 27 नवंबर को देशभर के किसान दिल्ली चलो अभियान के तहत राजधानी में इस कानून के विरोध करने के लिये जुटेंगे।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह प्रेस कॉंफ्रेंस में बताया कि केंद्र सरकार के 3 कृषि जुड़े काले कानून के खिलाफ तो आंदोलन होगा ही साथ में बिजली बिल और पंजाब के भीतर मालगाड़ी की आवाजाही को रोककर उसका ठीकरा किसानों पर फोड़ा जा रहा है उसके खिलाफ भी ये आंदोलन होगा। बीएम सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार बिजली कानून में बदलाव कर पांच सितारा होटलों में उठने वाले प्रति यूनिट बिजली बिल के समान किसानों से भी बिल वसूलना चाहती है। वीएम सिंह के मुताबिक एक महीने बाद दिल्ली चलो अभियान इसलिये रखा गया क्योंकि एक महीने का किसानों के पास वक्त होगा कि वे इस दौरान खरीफ फसल की कटाई और रबी की बुआई कर सकेंगे।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा किसानों के आंदोलन को बिचौलियों का आंदोलन करार दिये जाने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि 400 किसानों का संगठन तीनों कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहा इसमें से कौन संगठन बिचौलियों का संगठन है खुद जेपी नड्डा बता दें। योगेंद्र यादव ने कहा कि, ये उनकी ओर से बौखलाहट में दिया बयान है। सच तो ये है कि आऱएसएस से जुड़ा भारतीय किसान संघ भी केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ खड़ा है।
पंजाब में मालगाड़ी के आने जाने पर रेल मंत्रालय द्वारा रोक लगाने पर योगेंद्र यादव बोले कि, केंद्र सरकार ने पंजाब की जनता को सजा देने का काम किया है। पंजाब के किसान ने ट्रैक खाली कर दिया, 180 मालगाड़ी गुजर गई लेकिन सरकार ने ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से मालगाड़ी के चलने पर रोक लगाई है।” उन्होंने कहा कि, इससे पंजाब की जनता को डीजल, यूरिया नहीं मिल सकेगा। जम्मू कश्मीर तक कुछ भेजा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जो सरकार अपनी जनता को सजा देती है उसके सरकार के अंतिम दिन करीब आ गये हैं।