वाराणसी. कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए काशी में पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। हालात ये रहे कि सात किलोमीटर लम्बे घाटों पर पांव रखने तक की जगह नहीं बची। तीर्थ पुरोहित देवेश मिश्रा ने बताया, ”दशकों के बाद इतनी भीड़ गंगा स्नान को पहुंची है। पुराणों के अनुसार, मान्यता है कि जो व्यक्ति पूरे साल गंगा स्नान से वंचित रहता है और कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान कर लेता है तो उसे साल भर का पुन्य प्राप्त होता है।”

दर्जनों लोग हुए गुम, बजता रहा लाउडस्पीकर
– राजेंद्र प्रसाद और दशाश्मेध घाट पर दर्जनों लोग गुम हो गए।
– लाउडस्पीकर में परिजन गुम होने वाले सदस्यों को बुलाते दिखे।
– लाउडस्पीकर कुछ ऐसे बुलाते सुनाई दिए लोग, ”मुन्ना के माई जहां कही भी हई मंच पर आवा इंतजार करतानी।”
– ”बलिगांव से हम फुआ बोलत हई, हमरा के ले लेब जा।”
– ”कमला हम मीना बोलत हई, हमरा बूढ़ा क कपड़ा हमरा पास बा, उ कैसे नाहैइए।”
– ”काजल क मम्मी, हम बरखा क मम्मी बोलत हई, जल्दी हमरा पास आ जा।”
क्या है मान्यता..?
– बता दें, शनिवार (4 नवंबर) को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है।
– हिंदू धर्म में पूर्णिमा को विशेष महत्व होता है।
– पूर्णिमा के दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
– कार्तिक पूर्णिमा पर लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं।
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