साउथ कोरिया ने विदेश में निवेश करने वाली अपनी कंपनियों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में निवेश न करने की चेतावनी दी है. साथ ही कंपनियों से कहा गया है कि वह अपना कारोबार समेट कर वहां से वापस स्वदेश लौट आएं. साउथ कोरिया के इस कदम को पाकिस्तान के लिए करारा झटका माना जा रहा है.
साउथ कोरिया के उप विदेश मंत्री चो ह्यून ने कहा है कि सियोल भारत की चिंताओं से वाकिफ है और इसी वजह से हमने अपनी कंपनियों को निवेश न करने के निर्देश दिए हैं. अब चीन ही ऐसा मुल्क है जो Pok में निवेश कर रहा है क्योंकि इस इलाके में वन बेल्ट वन रोड का निर्माण किया जा रहा है. सीईपीसी प्रोजेक्ट के जरिए चीन मध्य एशिया से जुड़ना चाहता है लेकिन भारत लगातार इस कदम के खिलाफ है.
बता दें कि दक्षिण कोरिया ने भारत के साथ अपने कूटनीतिक रिश्तों सुधारने की कोशिश शुरू कर दी है. यह वजह है कि वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहता जिससे दोनो देशों के रिश्तों में किसी भी प्रकार का तनाव आए. दिल्ली को सियोल में कितनी अहमियत दी जा रही है इसे उदाहरण है कि साउथ कोरिया ने भारत को दुनिया में कूटनीतिक लिहाज से पांचवा सबसे अहम साझेदार देश करार दिया है.
चो हयून ने बताया कि, ‘अभी तक दक्षिण कोरिया के लिए रूस, चीन, अमेरिका और जापान ऐसे देश थे जो कूटनीतिक लिहाज से सबसे अहम माने जाते थे. लेकिन अब इसमें भारत भी शामिल हो गया है. पीएम नरेंद्र मोदी की वर्ष 2015 की यात्रा के बाद दोनो देशों के बीच विशेष रणनीतिक रिश्ता कायम हुआ है. दोनों देशों के बीच रणनीति से जुड़े कई क्षेत्रों में करीबी रिश्ते बनाने के लिए लगातार उच्चस्तरीय बातचीत हो रही है.
पाकिस्तान की ओर से नॉर्थ कोरिया को दी जाने वाली मदद से भी दक्षिण कोरिया नाराज है. पाकिस्तान ने नॉर्थ कोरिया को परमाणु हथियार विकसित करने में मदद की है, इससे पूरे इलाके के लिए खतरा पैदा हो गया है. भारत भी लगातार नॉर्थ कोरिया की तरफ से घातक हथियार विकसित करने को लेकर चिंता व्यक्त करता रहा है.
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