कांग्रेस ने एक बार फिर से महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है. कांग्रेस ने जूते-चप्पल से लेकर खाद्यान्न सामग्री तक अलग-अलग श्रेणियों में GST बढ़ाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है. साथ ही मंहगाई को नियंत्रित करने के लिए आने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हराने की जनता से अपील की है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मी़डिया से बात करते हुए कहा कि केन्द्र ने हिमाचल प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटा दिया था. उन्होंने जनता से विवेकपूर्ण ढंग से मतदान करके टैक्स को कम करने वाला शासन लाने की अपील की.
महंगाई से मुक्ति के लिए बीजेपी को हराएं- कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि साल 2022 के पहले दिन ही मोदी सरकार ने हमें नए साल का तोहफा नयी महंगाई के रूप में दे डाला है. यह नयी महंगाई और इसके साथ 2021 के पूरे साल में लगभग 10 प्रतिशत की ऊंची बेरोजगारी दर. क्या इसके लिए हमें मोदी जी को धन्यवाद देना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कर बढ़ने के कारण एक जनवरी से जूते चप्पल, टैक्सी, ऑटो रिक्शा से यात्रा, यात्रा संबंधी ऐप का इस्तेमाल, खाना मंगवाने वाले ऐप के जरिए खाना मंगवाना और एटीएम मशीन से पैसे निकालना मंहगा हो गया है.
”मोदी सरकार में महंगाई चरम पर”
देशभर के 12 शहरों में कांग्रेस नेताओं ने ‘मोदी टैक्स’ के तौर पर जीएसटी में वृद्धि का उल्लेख किया और लोगों से बीजेपी को हराने का आग्रह किया. सुरजेवाला ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के सत्ता में आने के बाद से चाय, दालें, खाद्य तेल, रसोई गैस और यहां तक कि नमक की कीमतें बढ़ी हैं. कांग्रेस नेता ने जनता से आगामी चुनावों में बीजेपी को हराने की अपील करते हुए कहा कि याद रखें, अगर मोदी हैं तो महंगाई बनी रहेगी, मोदी सरकार का मतलब है ऊंची कीमतें. मोदी और महंगाई देश के लिए हानिकारक हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार बजट पेश होने से पहले ही टैक्स बढ़ा रही है और बाद में यह दावा कर सकती है कि इसने ‘कर मुक्त बजट ’पेश किया है. सुरजेवाला ने टेक्सटाइल पर जीएसटी को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के जीएसटी परिषद के फैसले के टालने का श्रेय कांग्रेस को दिया और दावा किया कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के बाद टैक्स बढ़ा दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसी को भी यह भूलना नहीं चाहिए कि टेक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ाने के प्रस्ताव को वापस नहीं लिया गया है, केवल टाला गया है. कपड़ों पर जीएसटी बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने से कारोबारों और विद्युत करघा और हथकरघा इकाइयों में रोजगार के अवसरों को नुकसान पहुंचेगा.