प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है। प्रथा है कि भागीरथ की कठोर तपस्या के पश्चात् इसी दिन माता लक्ष्मी धरती पर अवतरित हुई थीं। इस दिन को ज्येष्ठ दशहरा के नाम से भी जाना जाता है। इस बार गंगा दशहरा 20 जून को है। हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा के दिन को अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा के स्पर्श मात्र से सभी अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं। गंगा जल से स्नान करने से दस हजार प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। अगर आपसे अतीत में कोई पाप हुआ है तो इस दिन गंगा में डुबकी लगाकर ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः मंत्र का जाप करते हुए स्नान करें। इससे आपके पापों का प्रायश्चित हो जाता है। प्रथा है कि गंगा दशहरा के दिन किए गए उपाय भी कारगर होते हैं। यदि आपकी जिंदगी में भी कुछ दिक्कतें हैं तो गंगा दशहरा के इन उपायों को करके आप उनसे छुटकारा पा सकते हैं।
कर्ज का भार उतारने के लिए:-
यदि आप पर बहुत कर्जा चढ़ गया है तथा आप चाहकर भी इस कर्ज को चुका नहीं पा रहे हैं तो अपनी लंबाई के बराबर काला धागा लेकर एक नारियल पर बांध दें तथा पूजा वाली जगह पर इसे रखकर पूजा करें। ईश्वर से अपनी दिक्कतों को ख़त्म करने की प्रार्थना करें। शाम को इस नारियल को ले जाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। मगर प्रवाहित करने के पश्चात् पीछे मुड़कर न देखें तथा सीधे अपने घर आ जाएं। कुछ ही दिनोंं में आपको दिक्कत का समाधान प्राप्त हो जाएगा।
नौकरी और बिजनेस में कामयाबी के लिए:-
यदि आपको नौकरी में कामयाबी चाहिए या बिजनेस में तरक्की नहीं प्राप्त हो पा रही है तो गंगा दशहरा के दिन एक मिट्टी का घड़ा लेकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल तथा थोड़ी सी चीनी डालें और फिर पानी गले तक भर दें। इस घड़े को किसी निर्धन को दान कर दें। इससे आपका मन शांत भी होगा तथा आपकी रुकावटें दूर हो जाएंगी।
बीमारी दूर भगाने के लिए:-
यदि आपके घर कोई काफी वक़्त से बीमार है तो गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करके नदी के तट पर संसार विष नाशिन्यै, जीवनायै नमोऽस्तु ते, ताप त्रय संहन्त्र्यै, प्राणेश्यै ते नमो नमः मंत्र का 11 बार जाप करें। अगर गंगा में स्नान करने नहीं जा सकते तो घर में ही नहाते वक़्त बाल्टी में कुछ बूंदें गंगाजल डालकर सामान्य जल मिलाकर स्नान कर लें तथा स्नान के चलते ही इस मंत्र का 11 बार जाप करें।
नकारात्मकता दूर करने के लिए:-
प्रातः स्नान के पश्चात् मंदिर में जाकर शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें तथा थोड़ा गंगा जल लोटे में बचा लें। इस जल से पूरे घर में छिड़काव कर दें। इससे घर की नकारात्मकता दूर होती हैं तथा धन आगमन में आ रही रुकावटें समाप्त होती हैं।