आप भगवान् शिव से सम्बंधित बहुत से अनोखे व चमत्कारी मंदिर के विषय में जानते होंगे. इसी कड़ी में भगवान् शिव से जुड़ा एक मंदिर ऐसा भी है जिसमे भगवान् शिव का शिवलिंग हमेशा जल में डूबा रहता है और उनके भक्त इसी तरह उनकी पूजा करते है आइये जानते है की यह मंदिर कहां स्थित है और इस मंदिर की और क्या विशेषता है?
यह अनोखा मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के इंदौर शहर से 20 किलोमीटर दूर इंदौर बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है सतपुड़ा के घने जंगल में होने के कारण इस मंदिर की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है इसी वजह से हमेशा यहां भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है इस मंदिर के विषय में कहा जाता है की यह लगभग 2-3 हजार वर्ष पुराना है.
मंदिर का इतिहास – इस मंदिर के विषय में कहा जाता है की यह लगभग 2-3 हजार वर्ष पुराना है.जिसकी स्थापना च्यवन ऋषि के द्वारा की गई थी. इस शिवलिंग की स्थापना करने के बाद उन्होंने यहाँ ताप किया था. च्यवन ऋषि के विषय में कहा जाता है की वह प्रतिदिन स्र्नान करने के लिए 60 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी पर जाते थे जिससे प्रसन्न होकर माँ नर्मदा ने इस मंदिर में प्रकट होने का उन्हें वरदान दिया था. जिससे वह इस मंदिर में एक जलधारा के रूप में प्रगट हुई.
कहा जाता है की च्यवन ऋषि की तपस्या पूर्ण होने के बाद इस स्थान पर सप्त्रिशियों में भी तप किया था जिसके कारण यहां उनके नाम का एक कुण्ड भी स्थित है इस कुण्ड के विषय में ऐसी मान्यता है की जो भी व्यक्ति इस कुण्ड में स्नान करता है उसके सभी पाप धुल जाते है.
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