घायल बेटियों से मिलकर फफक पड़ी
आफरीन मंगलवार को सीतापुर जिला अस्पताल में अपनी बेटियों सलीमा व अल्बुन से मिली तो फफक पड़ी। वे दोनों भी अपनी मां व बहन हसीना से मिलकर रो पड़ीं। एक बहन रबिया ट्रॉमा में भर्ती है। जबकि मुन्नी ट्रैक पर मृत मिली थी।
23 अक्टूबर रात ट्रेन से चार बच्चियों को फेंक दिया गया था। इनमें अल्बुल, सलीमा व रबिया ट्रैक किनारे गंभीर हालत में पड़ी मिलीं थीं। जबकि मुन्नी का शव मिला। ये सभी बच्चियां बिहार के पहाड़पुर थाना क्षेत्र के सरिया बाजार निवासी इद्दू की थीं। इसी बीच यह भी बताया गया कि इद्दू की पत्नी आफरीन व शहजादी उर्फ हसीना को भी चलती ट्रेन से बाहर फेंका गया है। जिसमें शहजादी लापता है और आफरीन का शव मैगलगंज के खखरा गांव के निकट रेल ट्रैक के करीब पाया गया था।
बच्चियां भी अपनी मां की मौत की खबर पाकर गमजदा थीं। इसी बीच सोमवार रात इन बच्चियों को पता चला कि मां आफरीन जिंदा है और वह सीतापुर आ रही हैं। हालांकि बच्चियों को इसका विश्वास नहीं था। लेकिन अचानक मंगलवार शाम मां को अपने सामने पाकर बच्चियां सारे गम भूल गईं। मां के गले लगकर जी भरकर रोईं।
मां कभी सलीमा को गोद में लेती तो कभी अल्बुल से चिपक जाती। ममता इस कदर हिलोरे मार रहीं थी, कि वह बयां ही नहीं कर पा रही थी। उसकी आंखों से आंसुओं की धार बह रही थी। जुबां खामोश थी। पूछने पर आफरीन ने जो दर्द बयां किया, उसे सुन सब हैरान रह गए।
इसी बीच इद्दू को न जाने क्या सूझा, उसने एक-एक करके अपनी चार बेटियों को चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया। इस दौरान ट्रेन शायद सीतापुर से ही गुजर रही थी। आफरीन की माने तो उसकी नींद जम्मू के आसपास ही टूटी। जब आंख खुली, तो चार बच्चियां लापता थीं। पति से पूछा, तो पहले वह टालमटोल करने लगा।
पहले पति ने बताया कि बच्चियां ट्रेन में ही कहीं होंगी। जब बोगी में बच्चियों को तलाशा और वे नहीं मिलीं तो कुछ सहयात्री भी मदद को आगे आए। लेकिन तब इद्दू भड़क उठा। जिसके बाद वह गलियां देते हुए बताने लगा कि इतनी बच्चियों को पैदा कर दिया। आखिर इनकी परवरिश का खर्च वह कैसे उठाए। छुटकारा पाने के लिए चारों को ट्रेन से बाहर फेंक दिया।
यह सुनकर होश उड़ गए। इसी बीच इद्दू कहने लगा कि ज्यादा बोलोगी, तो तुम्हें भी ट्रेन से बाहर फेंक दूंगा। उसके ऊपर शैतान सवार देख, आफरीन चुप हो गई। आफरीन की मानें तो उसे भय था कि कहीं उसकी गोद में मौजूद शहजादी उर्फ हसीना को भी इद्दू बाहर न फेंक दे। इस वजह से वह खामोश हो गई। जब ट्रेन जम्मू रेलवे स्टेशन पर पहुंची। तो किसी तरह नजर से बचाते हुए भाग निकली।
भीख मांगकर बेटी को खिलाया खाना
आफरीन जम्मू में अपने पति से छिपते हुए अलग तो हो ली, लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी, कि वह घर कैसे लौटे। आफरीन की माने तो उसने वहां भीख मांगकर खुद का व अपनी बेटी का पेट भरा। जिसके बाद भीख मांगकर ही किराया जुटाया। उस किराये से वह सीधे अपने मायके पहुंची। मायके जाने के बाद उसे पता चला कि उसकी तीन बच्चियां जिंदा हैं, जबकि एक की मौत हो गई है।
…तो लोग उसे भिखारी समझ कर कभी हाथ पर सिक्के रख दे रहे थे
आफरीन का दर्द इस कदर था, कि वह लोगों को अपनी तकलीफ बताना चाह रही थी, लेकिन कोई उसकी बात को समझ नहीं पा रहा था। आफरीन की माने तो वह एक ऐसे प्रदेश में पहुंची थी, जहां की बोली, भाषा व पहनावा सब कुछ जुदा था। ऐसे में जब वह बिहारी बोलीं में अपना दर्द बताना चाह रही थी, तो लोग उसे भिखारी समझ कर कभी हाथ पर सिक्के रख दे रहे थे तो कभी उसे फटकार लगाकर आगे बढ़ने का इशारा कर रहा था। आफरीन का कहना था कि अगर उसकी बात को लोग समझ रहे होते तो वह समय से अपने घर पहुंच गई होती।
बस आंखों ही आंखों से हुई बातें
ट्रेन से फेंकी गई रबिया का इलाज लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है। बिहार से लखनऊ पहुंची रबिया की मां आफरीन को सबसे पहले ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां पर आफरीन का सामना रबिया से कराया गया। इस दौरान रबिया कहना तो बहुत कुछ चाहती थी, लेकिन जुबान ने साथ नहीं दिया। दरअसल रबिया के जबड़े में जबरदस्त चोट आई है। जिसकी वजह से वह बोल नहीं पा रही है। मां आफरीन से जब उसका सामना हुआ, तो बस आंखों से आंसू ही निकल रहे थे। मां ने भी उसके सिर पर हाथ फेरा और जल्द ही उसे ठीक करा लेने का वादा किया। इस दौरान मां ने रबिया को बताया कि वह सीतापुर उसकी बहन अल्बुल व सलीमा से मिलने जा रही है।
न्यायालय के बयान के बाद इकबाल व इजहार को मिलेगी क्लीन चिट
बच्चियों को फेंके जाने के मामले में बिहार के बेतिया जिले के नौतन थाना क्षेत्र के ग्राम झखरा निवासी इकबाल व इजहार नामजद हैं। उनके ऊपर जीआरपी थाने में हत्या व हत्या के प्रयास का आरोप दर्ज है। अब जब इद्दू की पत्नी बयान दे रही है, तब पुलिस इकबाल व इजहार को क्लीन चिट देने के मूड में है। इस क्लीन चिट से पहले इद्दू की पत्नी आफरीन का न्यायालय में 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिलाया जाएगा। उसके बाद नामजद दोनों आरोपियों को क्लीन चिट दी जाएगी और इद्दू को मुख्य आरोपी बनाया जाएगा।
फजीहत से सतर्क दिखी पुलिस
पुलिस के सामने एक संशय था कि जो महिला आई है और खुद को आफरीन बता रही है, वह कहीं कोई और तो नहीं है। इसी बीच आफरीन की मां नाजिया उर्फ रबिया ने उसकी पहचान अपनी पुत्री आफरीन के रूप में की। वहीं अस्पताल में मौजूद अल्बुल व सलीमा ने भी अम्मी कहते हुए, उसे ही आफरीन बताया। इससे पहले मिले शव मामले में पुलिस की फजीहत हो गई थी। इसीलिए पुलिस काफी फूंक-फूंककर कदम रख रही थी।
न्यायालय में कराया जाएगा बयान
मामले पर जीआरपी एसपी सौमित्र यादव का कहना है कि कामाख्या ट्रेन से बच्चियों को फेंके जाने के मामले में उन बच्चियों का पिता इद्दू ही आरोपी है। बुधवार को इद्दू की पत्नी आफरीन का बयान न्यायालय में कराया जाएगा। उस बयान के आधार पर इद्दू को मुख्य आरोपी बनाया जाएगा।