उत्तराखंड के इस शशि कपूर को जब मशहूर रोमांटिक अभिनेता शशि कपूर ने अपने सामने देखा तो वह चौंक गए। उन्हें यकीन नहीं हुआ कि वह बिल्कुल उनकी तरह दिखते है। शशि कपूर इन्हें हमेशा अपने साथ रखना चाहते थे।
अपने जमाने के मशहूर रोमांटिक अभिनेता शशि कपूर की मौत की खबर उनके हमशक्ल दून निवासी अश्वनी शर्मा के लिए दुखों का पहाड़ बनकर आई। जैसे ही शाम को अचानक अश्वनी शर्मा(डुप्लीकेट शशि कपूर) को अपने गुरु के मरने की खबर मिली तो उनके सांसे अटक गई।
गमजदा अश्वनी शर्मा ने रात का खाना भी नहीं खाया। उनके दिलो-दिमाग में तीन साल पहले मुंबई में शशि कपूर से हुई मुलाकात और उनकी बातें ताजा हो गई। अश्वनी शर्मा देहरादून में चाय की दुकान चलाते हैं। उनका रंगरूप, कद-काठी, चाल-ढाल, हाव-भाव और अदाएं बिल्कुल रोमांटिक अभिनेता शशि कपूर जैसी हैं। उन्हें दून से लेकर मुंबई से डुप्लीकेट शशि कपूर के तौर पर भी पहचाना जाता है।
अश्वनी शर्मा असल में शशि कपूर के जवानी के दिनों जैसे दिखते हैं। वह आज भी वैसे ही सूट-बूट में रहते हैं। सोमवार को भी वैसे ही थे, जब उनसे अमर उजाला संवाददाता ने मुलाकात की। आज उनके चेहरे पर पहले जैसी खुशी नहीं बल्कि गम था। दुख था उस सुपरस्टार के जाने का, जिसे वह अपना गुरु मानते थे।
अश्वनी शर्मा ने बताया कि तीन साल पहले जब वह शशि कपूर के सामने पहुंचे थे तो बेहद बीमार और कमजोर लग रहे शशि कपूर अपने हमशक्ल को सामने देखकर चौंक गए थे। हालांकि पूरी जिंदगी में करीब दस बार शशि कपूर से अश्वनी की मुलाकात हुई है।
शशि कपूर जैसा दिखने की वजह से वह न केवल दून बल्कि मुंबई तक कई शो में काम कर चुके हैं। हमशक्ल के तौर पर अश्वनी शर्मा हिंदी फिल्म मजहब की दीवार, श्री एलएलबी, प्यार और क्रांति के अलावा भोजपुरी फिल्म कैसन लागी धूम में अदाकारी का जलवा बिखेर चुके हैं।
अश्वनी शर्मा ने बताया कि वह जब तीन साल पहले शशि कपूर से मिले थे तो उन्होंने उन्हें बेटी संजना कपूर की फिल्म में काम करने का ऑफर दिया था। शशि कपूर चाहते थे कि अश्वनी शर्मा मुंबई में उनके साथ ही रहें, क्योंकि उन्हें देखकर उन्हें अलग अहसास होता था। एक अलग ऊर्जा मिलती थी।
अश्वनी शर्मा का कहना है कि उनकी तमन्ना था कि जब तक मैं जिंदा रहूं, तब तक शशि कपूर भी जिंदा रहें। वह मेरे गुरु थे। पथ प्रदर्शक थे। आज वह नहीं रहे तो लगता है जैसे जीवन ही व्यर्थ हो गया है।
अश्वनी शर्मा ने बताया कि जब वह कार्यक्रमों में जाते थे तो शशि कपूर के नाम से ही भीड़ इकट्ठा होती थी। इसके बाद उन्हें देखकर सबको लगता था कि सचमुच शशि कपूर आ गए हैं। लेकिन अब जब शशि कपूर ही नहीं रहे तो लगता है कि जैसे मेरी आत्मा ही निकल गई है। मैं जिंदा हूं लेकिन अधूरा हो गया हूं।
अश्वनी शर्मा न केवल शशि कपूर जैसे दिखते हैं बल्कि उनके डायलॉग भी खूब याद हैं। उन्होंने शशि कपूर की याद में उनका मशहूर डायलॉग सुनाया-हम गायब होने वालों में से नहीं, जहां-जहां से गुजरते हैं, जलवे दिखाते हैं, दोस्त तो क्या दुश्मन भी याद रखते हैं।