मुजफ्फरनगर के समीप खतौली में उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटना के मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस हादसे को लेकर रेल मंत्रालय ने कार्रवाई की है वहीं रविवार को दो रेलकर्मियों की फोन पर बातचीत के ऑडियो क्लिप वायरह हुई है।
इसमें एक रेलकर्मी कह रहा है-“पटरी के मरम्मत स्थल पर गश्त नहीं थी, वहां न लाल झंडी लगाई गई, न ही पटरी के एक हिस्से का वेल्डिंग किया गया।”
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के निर्देश पर आरंभिक जांच में दोषी माने गए आठ रेलवे अफसरों पर कार्रवाई की गई। पहली बार रेलवे बोर्ड सदस्य पर कार्रवाई हुई है। रेलवे को यह भी शक है कि मरम्मत बिना इजाजत की जा रही थी। हादसे की जांच इस एंगल से भी होगी।
मृतक संख्या 32 हुई, ग्वालियर-मुरैना के 8
ट्रेन हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। इनमें मप्र के ग्वालियर व मुरैना के आठ यात्री शामिल हैं। हादसे में 200 से ज्यादा घायल हुए हैं। हालांकि रेलवे ने 23 के मरने और 98 के घायल होने की पुष्टि की है।
ग्वालियर के छह मृत : ब्रजकुमारी पति भागीरथ प्रजापति, ब्रजराज पांडेय पिता कमल किशोर पांडेय, डबरा, चीतला सिंह कुशवाहा पिता भरतवीर कुशवाहा निवासी बरजा, विष्णु गोस्वामी पिता राजाराम गोस्वामी, भौरी, लच्छोबाई पति रामगोपाल निवासी गणेशबाग, सूरजबाई पति नंदराम प्रजापति गणेश बाग।मुरैना के दो : सुखी प्रजापति पति राजाराम और आरती पिता राजाराम।
मुजफ्फरनग रहुआ बड़ा रेल हादसा लापरवाही ने ले ली 23 लोगों की जान, करीब 100 घायल
ऐतिहासिक कार्रवाई
इन्हें छुट्टी पर भेजा : रेलवे बोर्ड के सदस्य इंजीनियरिंग एके मित्तल, उत्तर रेलवे के जीएम आरके कुलश्रेष्ठ तथा दिल्ली के डीआरएम आरएन सिंह।
इनका तबादला : उत्तर रेलवे के चीफ ट्रैक इंजीनियर आलोक कंसल।ये चार हुए सस्पेंड : दिल्ली मंडल के सीनियर डिवीजनल इंजीनियर आरके वर्मा, मेरठ के असिस्टेंट इंजीनियर रोहित कुमार, मुजफ्फरनगर के सीनियर सेक्शन इंजीनियर इंदरजीत सिंह, खतौली के जूनियर इंजीनियर प्रदीप कुमार।
ऑडियो क्लिप ने खोला राज
दो रेल कर्मियों की मोबाइल पर हुई बातचीत की ऑडियो क्लिप ने मुजफ्फरनगर ट्रेन हादसे के कारणों का काफी हद तक पर्दाफाश कर दिया है। वायरल हुई ऑडियो में एक घटनास्थल के पास स्थित रेलवे फाटक का गेटमैन है तथा दूसरा उसका मित्र कर्मचारी है।
….बातचीत के प्रमुख अंश…
मित्र : क्या हुआ तुम्हारे यहां?
गेटमैन : मेरे जैसा, मेरी ही नामराशि का जेई आया है। उसकी कोई मानता नहीं है। यहां कोई भी काम नहीं करना चाहता। आधा घंटा काम कराकर क्वार्टर पर चले गए। की-मैनी पर कोई नहीं जा रहा। गेट पर बैठकर वापस आ जाते हैं। ऐसी ही पैट्रोलिंग का हाल है।
मित्र : आखिर क्या हुआ?
गेटमैन : लाइन पर वेल्डिंग का काम चल रहा था। ब्लॉक (लाइन पर ट्रैफिक रोकना) का मना कर दिया था। पुराने लोगों ने इसे पता नहीं क्या बताया। बस काम शुरू कर दिया। उस समय लाइन का टुकड़ा काटकर रखा था, तब तक जोड़ा नहीं था। गाड़ी का हो गया टाइम। जब ब्लॉक को मना कर रखा था, तो गाड़ी तो आती ही। मैंने गेट बंद कर रखा था। उत्कल आ रही थी। वहां टुकड़ा नहीं था। ट्रेन पलट गई।
मित्र : लाइन का टुकड़ा अलग पड़ा था?
गेटमैन : जोड़ रखी थी, पर जोड़ी नहीं थी। वेल्डिंग नहीं की थी।
मित्र : समझ गया मैं।
गेटमैन : चार डिब्बे तो निकल गए, फिर लाइन टूट गई वहीं से। जोड़ा भी नहीं बांधा था तब तक। लाल झंडी भी नहीं लगाई थी। ब्लॉक भी नहीं मिला। बीचो-बीच वेल्डिंग मशीन थी। लाइन का टुकड़ा भी पड़ा था। बस चूरा कर दिया।