कहते हैं कि इंसान शराब पीकर बहक जाता है लेकिन यहां तो शराब पीकर फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने की बात की जा रही है। शराब पीने के बाद लोगों के बोलचाल और व्यव्हार में अंतर क्यों आता है इसके पीछे एक खास वजह है।
दरअसल, एक रिसर्च में पाया गया है कि थोड़ी सी शराब पीने से नई भाषा बोलने की संभावनाएं बढ़ जाती है। सायकोफ़र्माकोलॉजी जर्नल में पब्लिश हुई इस रिसर्च में रिसर्चर्स ने 50 स्टूडेंट्स का इस्तेमाल किया। ये सभी कॉलेज स्टूडेंट्स हैं। बता दें, हॉलैंड की एक यूनिवर्सिटी के स्टूडेट्स ने हाल ही में डच भाषा बोलना और लिखना सीखा है।
इन 50 स्टूडेंट्स में कुछ को शराब पिलाई गई तो किसी को नॉर्मल पानी पिलाया गया। स्टडी के अनुसार इन स्टूडेंट्स को एक शख्स के साथ 2 मिनट तक डच भाषा में बात करनी थी। ऐसे दो वॉलंटियर्स को बुलाया गया जिन्हें डच भाषा का अच्छा ज्ञान था। उन्हें नहीं बताया गया कि किसने शराब पी है और किसने पानी।
वॉलंटियर्स को सभी से बातचीत के बाद हर स्टूडेंट्स की रेटिंग देनी थी, जिन लोगों ने पानी पीने के बाद बातचीत की उन्हें अपनी परफॉर्मेंस में कोई फर्क नहीं आया, लेकिन वॉलंटियर्स की मानें तो शराब पीने वालों की प्रनाउनसिएशन और फ्लुएंसी के मामले में पानी पीने वाले स्टूडेंट्स से कई बेहतर थे। शराब पीने वाले स्टूडेंट्स ने बिलकुल सटीक जवाब भी दिए।
लेकिन, रिसर्चर्स ने ये भी चीज मानी है कि ज्यादा शराब पीने का उल्टा असर हो सकता है। शराब पीने से जुबान लड़खड़ाने लगती है। फर्राटेदार बोलना मुश्किल हो जाता है और कॉन्फिडेंस लेवल भी कम हो जाता है। ज्यादा शराब पीने के बाद परफॉर्मेंस पर भी असर पड़ता है।
रिसर्च से जुड़े लोगों का ये भी मानना था कि इस रिसर्च को दूसरी भाषाओं में भी देखना चाहिए ताकि इससे जुड़े असर को देखा जा सके। इसके बावजूद रिसर्चर्स का मानना है कि शराब पीने के बाद व्यक्ति किसी भी नई भाषा को फर्राटेदार तरीके से बोल सकता है।