आपके डेबिट कार्ड से बैंक काट रहे हैं 17 से 25 रुपये, अकाउंट में बैलेंस कम होने का बना रहे हैं बहाना

आपके डेबिट कार्ड से बैंक काट रहे हैं 17 से 25 रुपये, अकाउंट में बैलेंस कम होने का बना रहे हैं बहाना

क्या आपको मालूम है कि बैंक आपके डेबिट कार्ड से अकाउंट बैलेंस कम होने के बहाने पैसे काट रहे हैं? बैंक पैसे काटने पर यह तर्क दे रहे हैं कि बैलेंस न होने के बावजूद एटीएम या फिर पीओएस मशीन पर ट्रांजेक्शन किया जा रहा है, जिसके कारण बैंक 17 से 25 रुपये तक काट रहे हैं। आपके डेबिट कार्ड से बैंक काट रहे हैं 17 से 25 रुपये, अकाउंट में बैलेंस कम होने का बना रहे हैं बहाना

 

एसबीआई काट रहा है 17 रुपये
देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई अपने ग्राहकों के एटीएम कार्ड से 17 रुपये काट रहा है। इसके अलावा पैसा काटने पर 18 फीसदी जीएसटी भी लगाया जा रहा है। बैंक का तर्क है कि खाते में पैसा नहीं होने के बावजूद ग्राहक क्यों कार्ड का प्रयोग एटीएम या फिर पीओएस मशीन पर कर रहे हैं। वहीं देश के दो बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी और आईसीआईसीआई 25 रुपये काट रहे हैं। 

चेक बाउंस का दे रहे हैं तर्क
बैंक पैसा काटने के लिए चेक बाउंस होने का तर्क दे रहे हैं। बैंकों का मानना है कि चेक बाउंस और एटीएम पर खाते में कम बैलेंस होने पर ट्रांजेक्शन करने पर एक ही तरह का नियम मान्य होता है। जबकि चेक बाउंस के केस में थर्ड पार्टी भी शामिल होती है, जिसे किसी व्यक्ति से पैसा लेना होता है। वहीं एटीएम या पीओएस मशीन पर किसी तरह का थर्ड पार्टी ट्रांजेक्शन नहीं होता है। 

सरकार की डिजिटल इंडिया स्कीम को लगा धक्का
बैंकों के ऐसा करने से सरकार की कैशलेस और डिजिटल इंडिया बनाने की मुहिम को धक्का लग रहा है। एक तरफ जहां सरकार ने एटीएम कार्ड को बढ़ावा देने के लिए एमडीआर शुल्क में कटौती कर दी है। 

1 जनवरी, 2018 से डेबिट कार्ड, भीम ऐप, यूपीआई से होने वाले ट्रांजेक्शन पर किसी तरह की कोई फीस नहीं लगेगी। इससे छोटे कारोबारियों के अलावा उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो डेबिट कार्ड से छोटे ट्रांजेक्शन करते हैं। 

2000 तक के ट्रांजेक्शन पर नहीं लगेगा एमडीआर

डेबिट कार्ड स्वाइप कराने पर लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क को अगले 2 साल तक सरकार वहन करेगी। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कैबिनेट बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार अपनी तरफ से बैंकों को इस शुल्क की भरपाई करेगी। इससे बैंकों के साथ-साथ आम लोगों पर भी किसी तरह का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। 
 
आरबीआई ने की थी दरें कम
देश में ज्यादा से ज्यादा लोग डेबिट कार्ड से खरीदारी कर सकें, इसके लिए बैंकिंग क्षेत्र के नियामक रिजर्व बैंक ने इस पर लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को नए सिरे से तय किया है। अब 20 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यापारी को अधिकतम 0.40 फीसदी जबकि इससे ज्यादा का कारोबार करने वाले व्यापारी को 0.90 फीसदी से ज्यादा एमडीआर नहीं चुकाना होगा। यदि ट्रांजेक्शन क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड पर आधारित होगा तो एमडीआर में और कमी होगी। यह आदेश आगामी एक जनवरी से लागू होगा।

एमडीआर को दूसरे शब्दों में ट्रांजेक्शन फीस भी कहते हैं जो कारोबारी पर लगता है। यह शुल्क कार्ड जारी करने वाली वित्तीय संस्था लेती हैं। बड़े दुकान, मॉल, होटल वगैरह इस फीस का बोझ खुद ही उठाते हैं, जबकि छोटे और मंझोले दुकानदार यह शुल्क ग्राहकों से वसूलते हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com