देहरादून: भारत व बांग्लादेश के बीच कई दशक से दोस्ताना संबंध रहे हैं। सिर्फ हमारी सीमाएं ही नहीं मिलती, बल्कि दोनों देशों में भौगोलिक, सामाजिक व सांस्कृतिक समानताएं भी हैं। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल अबु बिलाल मोहम्मद शैफुल हक ने शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी में बतौर रिव्यूइंग अफसर यह बात कही। उन्होंने कहा कि कैडेट से सैन्य अफसर बने युवाओं को न सिर्फ हर चुनौती का डटकर मुकाबला करना होगा, बल्कि उससे सीख भी लेनी होगी।
जनरल बिलाल ने कहा कि आइएमए में बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर पहुंचकर उन्हें गौरव की अनुभूति हुई है। यह क्षण भारत व बांग्लादेश के मैत्रीपूर्ण संबंधों को और भी आगे ले जाएगा। खासकर, दोनों देशों की सेनाओं के बीच रिश्तों की नींव और मजबूत हुई है। उन्होंने वर्ष 1971 के युद्ध को याद करते कहा कि भारतीय सेना ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में कंधे से कंधा मिलाकर हमारा सहयोग किया था। इसके बाद ही बांग्लादेश की पहचान एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में हुई।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारतीय सेना जांबाजी की मिसाल है। वैश्विक स्तर पर शांति स्थापित करने में भारतीय सेना अग्रणी रही है। भारत व बांग्लादेश की सेनाओं के मध्य संयुक्त युद्ध अभ्यास का क्रम पिछले लंबे समय से चलता आ रहा है। भविष्य में भी यह बरकरार रहेगा। आतंकवाद का खात्मा करना व वैश्विक स्तर पर शांति स्थापित करना दोनों सेनाओं की प्राथमिकता है। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में रोहिंग्या मामले का समाधान जल्द किया जाएगा। इस बावत प्रयास किए जा रहे हैं। भारत सरकार के अलावा सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत व आइएमए प्रबंधन का आभार भी उन्होंने जताया।
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