वाशिंगटन।
इंटरनेट की दुनिया में कभी राज कर चुकी याहू इतिहास बनने की दहलीज पर है। हम और आप इंटरनेट से याहू के बारे में जानकारियां तलाशते दिखेंगे, जिसकी a,b, c,d के बारे में कभी उसने ही हमें बताया था। गूगल और फेसबुक को खरीदने की योजना बनाने वाली याहू के कोर बिजनेस का खरीदार लगभग तय हो चुका है। दिग्गज अमेरिकी दूरसंचार कंपनी वेराइजन इसे पांच अरब डॉलर (लगभग 33,574 करोड़ रुपये) में खरीदने जा रही है। सोमवार को खरीद समझौते पर मुहर लग सकती है।
वेराइजन, याहू की तकनीक से अपने एओएल इंटरनेट व्यवसाय को नई ऊंचाई तक ले जाने की योजना में है।वेराइजन ने पिछले साल ही 4.4 अरब डॉलर (29,545 करोड़ रुपये) में एओएल को खरीदा था। याहू के विज्ञापन टूल का इस्तेमाल दुनिया में तेजी से बढ़ते इंटरनेट व्यवसाय के लिए किया जाएगा। वेराइजन के लिए सर्च इंजन, ई-मेल, मैसेंजर आदि भी मददगार साबित होंगे। खरीद प्रक्रिया संपन्न होने पर ऑपरेटिंग कंपनी के तौर पर याहू का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
आज बिक सकती है इंटरनेट से परिचय कराने वाली YAHOO
इसके बाद कंपनी की याहू जापान में 35.5 फीसद और दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा में 15 प्रतिशत की हिस्सेदारी शेष रह जाएगी। याहू के 37 अरब डॉलर (2.48 लाख करोड़ रुपये) की मार्केट कैपिटलाइजेशन में इन्हीं दोनों का ज्यादातर हिस्सा बचेगा। सूत्रों की मानें तो याहू को वेराइजन की ओर से ही सबसे अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, खरीद पर दोनों कंपनियों के बीच फिलहाल अंतिम रूप से सहमति नहीं बनी है।
शेयर बाजार ने जताई थी खुशी
ब्लूमबर्ग न्यूज के मुताबिक याहू और वेराइजन के प्रतिनिधियों के बीच तकरीबन पांच अरब डॉलर पर विचार विमर्श चल रहा है। इस खबर से याहू के शेयर में 0.6 फीसद, जबकि वेराइजन के शेयर में 1.3 प्रतिशत तक का उछाल आया। दोनों कंपनियों की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित रॉस बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर एरिक गार्डन का मानना है किमोबाइल वीडियो की दुनिया में अपना बर्चस्व बनाने के लिए वेराइजन, याहू की तकनीक का एओएल में इस्तेमाल करेगी। गो90 एप पहले से ही सक्रिय है।
ये भी हैं शामिल
याहू को खरीदने की दौड़ में कई कंपनियां शामिल हैं। इनमें एटी एंड टी, वॉरेन बफेट समर्थित क्विकन लोन के संस्थापक डैन गिल्बर्ट के नेतृत्व वाला समूह, टीपीजी कैपिटल एलपी और वेक्टर कैपिटल व सिकामोर पार्टनर्स प्रमुख हैं।
स्टैनफोर्ड के छात्रों ने की थी स्थापना
याहू की स्थापना प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के दो छात्रों जेरी यांग और डेविड फिलो ने वर्ष 1994 में की थी। शुरुआत में विश्व भर के लोग याहू के प्लेटफॉर्म से ही इंटरनेट की दुनिया में कदम रखते थे। याहू कुछ ही वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी बन गई थी। वर्ष 2008 में माइक्रोसॉफ्ट ने इसे खरीदने की कोशिश की थी। याहू ने नए मिशन के तहत इससे इन्कार कर दिया था।
याहू मैसेंजर भी होगा बंद
लोगों के बीच कभी लोकप्रिय रहे याहू मैसेंजर को बंद करने का फैसला पहले ही लिया जा चुका है। पांच अगस्त को इसका आखिरी दिन होगा। हालांकि, कंपनी इसका नया वर्जन पहले ही लांच कर चुकी है, लेकिन इस अवधि के बाद पुराने वर्जन को देख पाना बीते दिनों की बात हो जाएगी।