New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने 67वें जन्मदिन के अवसर पर अपने गृह राज्य गुजरात पहुंचे हैं । खराब मौसम की वजह से पीएम के हेलीकॉप्टर को गुजरात के दरभाई में उतार लिया गया है।
पीएम मोदी आज सरदार सरोवर बांध परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह काफी समय से सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने के भी पक्ष में थे, जिसके बादइस बांध की ऊंचाई हाल ही में बढ़ाकर 138।68 मीटर की गई है।
पीएम मोदी रविवार को सबसे पहले गांधीनगर पहुंचे और अपनी मां हीराबेन से आशीर्वाद लिया। यहां प्रधानमंत्री से मिलने के लिए आस-पड़ोस के कई बच्चे भी पहुंचे। पीएम मोदी पहले भी अपने जन्मदिन पर मां से मुलाकात कर आशीर्वाद लेते रहे हैं। आज भी जन्मदिन के अवसर पर उन्होंने यह परंपरा निभाई।
पीएम मोदी यहां सरदार सरोवर बांध को देश को समर्पित करने के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में बने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का भी दौरा करेंगे। 182 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की पहल मोदी ने की थी।
सरदार सरोवर बांध परियोजना और सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में बने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का भी दौरा करेंगे। 182 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की पहल मोदी ने की थी और वह काफी समय से सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने के भी पक्ष में हैं। इस बांध की ऊंचाई हाल ही में बढ़ाकर 138।68 मीटर की गई है।
एक अधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक बांध की ऊंचाई बढ़ने से प्रयोग करने वाली जल क्षमता 4।73 एकड़ फुट (एमएएफ) हो जाएगी, जिससे गुजरात , राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लोगों को फायदा होगा। इस परियोजना से गुजरात के जल रहित क्षेत्रों में नर्मदा के पानी को नहर और पाइपलाइन नेटवर्क के जरिये पहुंचाने में मदद मिलेगी और सिंचाई सुविधा में विस्तार होगा, जिससे 10 लाख किसान लाभान्वित होंगे। साथ ही कई गावों में पीने का पानी पहुंचेगा और यह चार करोड़ लोगों को फायदा पहुंचाएगा।
परियोजना से प्रतिवर्ष पैदा होगी 100 करोड़ यूनिट बिजली :
इस परियोजना को जल ट्रांसपोर्ट के सबसे बड़े मानव प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है। इससे प्रतिवर्ष 100 करोड़ यूनिट जलबिजली पैदा होने की संभावना है। सरदार बांध का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री साधु बेट जाएंगे, जहां ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ और इससे संबंधित सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मारक परिसर का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि पीएम मोदी को इस परियोजना के काम की प्रगति का संक्षिप्त विवरण भी दिया जाएगा। परियोजना के अंतर्गत 182 मीटर लंबी मूर्ति, एक प्रदर्शनी हॉल और एक आगंतुक केंद्र बनाया जाए रहा है।