अमेरिका में खाद्य और औषधि प्रशासन ने 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को फाइजर और माडर्ना की कोविड वैक्सीन का बूस्टर डोज देने की अनुमति दी। इससे पहले केवल 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों और गम्भीर रूप से बीमार लोगों को ही बूस्टर डोज लगाने की अनुमति थी। कोरोना महामारी से लोगों की जिंदगियों को बचाने की दिशा में अमेरिका ने अहम कदम उठाया है।
वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर (Pfizer) और माडर्ना (Moderna) की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में इस बात की पुष्टि की गई है। कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी माडर्ना के सीईओ स्टीफन बैंसेल ने बताया, ‘ वैक्सीन के बूस्टर डोज को आपातकालीन उपयोग की मान्यता महत्वपूर्ण समय पर मिली है, क्योंकि जल्द ही सर्दियों का महीना आने वाला है और ऐसे समय में देशभर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।’
एफडीए आयुक्त जेनेट वुडकाक ने बताया, ‘इस फैसले से कोविड -19 से अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों और मृत्यु दर को रोकने में काफी मदद मिलेगी। वहीं एफडीए की ओर से जारी किए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह फैसला वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले सैकड़ों लोगों की मजबूत इम्यूनिटी के डेटा पर आधारित है। उल्लेखनीय है कि बूस्टर डोज के तौर पर फाइजर और माडर्ना की वैक्सीन को अप्रूवल दी गई है।
फाइजर वैक्सीन का 30 माइक्रोग्राम लगाया जाएगा, जो कि पहले लग चुकी डोज के समान है। वहीं माडर्ना का 50 माइक्रोग्राम को उपयुक्त बताया गया है। बता दें कि यह पहली डोज का आधा है लेकिन एफडीए द्वारा इसका जिक्र नहीं किया गया था, क्योंकि इसका निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग किया गया था। एक रिसर्च के अनुसार यदि दो डोज ले चुके हैं और अब बूस्टर लेते हैं तो डोज ले लेता है तो उसे संक्रमण होने की दर कम है। बूस्टर डोज को कोरोना के सबसे खतरनाक वेरिएंट डेल्टा पर भी काफी प्रभावी पाया गया है।