एजेंसी/ वाशिंगटन। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता है। पाकिस्तान को नासूर बन चुके आतंक के खिलाफ लड़ाई में ईमानदारी से साथ देना ही होगा। इन कड़े संदेशों के साथ ही हाउस ऑफ फॉरेन अफेयर्स के चेयरमैन एडवर्ड राइस ने कहा कि पाकिस्तान को पठानकोट हमले में गंभीरता से कार्रवाई करने की जरूरत है। आतंक के इन आकाओं के खिलाफ अगर पाकिस्तान में मुकदमा चलाने में दिक्कत आ रही है । तो उनके खिलाफ हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मानवता के खिलाफ अपराध मामले में मुकदमा चलाने की जरूरत है।
पाक को अमेरिका की खरी-खरी
एडवर्ड राइस ने कहा कि पाकिस्तान में 600 देवबंदी स्कूल चल रहे हैं। जिन पर तत्काल लगाम लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों को गल्फ देशों से बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद मिल रही है। इन स्कूलों से आतंकी प्रवृत्ति के लोग पनप रहे हैं। पाकिस्तान को ये बात समझनी और समझानी होगी कि वो आतंक के उन आकाओं को ये समझाए कि अगला नंबर उन्हीं लोगों का है। अमेरिका आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने में अब किसी तरह की रियायत नहीं देगा। हमें अब ऐसी नीतियों पर चलना होगा जिससे हक्कानी नेटवर्क समेत दूसरे संगठनों की कमर तोड़ी जा सके। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील किया कि मानवता के दुश्मनों के खिलाफ अब मिलजुल कर लड़ने का समय आ चुका है।
राइस ने कहा कि पाकिस्तान को ये समझाया जा रहा है कि आप इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें। मुंबई हमलों के बाद से वो कई बार भारत का दौरा कर चुके हैं। दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका की प्रतिबद्धता पर शक नहीं करना चाहिए। भारत सरकार की चिंताओं से वो वाकिफ है।
NSG पर भारत का दावा पुख्ता
न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत के शामिल होने पर उन्होंने कहा कि भारत ने अपने पक्ष में पुख्ता दलील रखी है। अमेरिका को भी ये लगता है कि उनके दावों में दम है अमेरिका प्रशासन भारत के दावों पर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। सीनेट के सदस्यों में भी इस बात पर सहमति बन रही है। साउथ और सेंट्रल एशिया की असिस्टेंट सेक्रेटरी निशा बिस्वाल ने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा इस संबंध में अपने दृष्टिकोण को सामने रख चुके हैं। उनका मानना है कि भारत को एनएसजी की सदस्यता मिलनी ही चाहिए।
मोदी की तारीफ
पीएम मोदी की तारीफ करते हुए राइस ने कहा कि गुजरात भूकंप के दौरान उन्होंने भारत की यात्रा की थी और मोदी की कार्यकुशलता को काफी करीब से देखा था। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के दो साल के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंधों में रिश्तों में मजबूती आई है। भारत और अमेरिका एक साथ मिलकर कदमताल करने के लिए तैयार हैं। इन दोनों देशों के रिश्तों पर पुरी दुनिया की नजर है।