हवाई के डिस्ट्रिक्ट जज डेरिक वाटसन ने अपने फैसले में कहा है कि कुछ मुस्लिम देशों, उत्तर कोरिया और वेनेजुएला के कुछ अधिकारियों के अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी लगाने का आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है। इससे अमेरिका की सुरक्षा में कोई सुधार नहीं आएगा क्योंकि मौजूदा कानून के तहत भी ऐसे व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने की व्यवस्था है जो सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का फैसला किया है।
वाटसन ने अपने फैसले में कहा है कि ट्रंप प्रशासन के ताजा यात्रा प्रतिबंध आदेश में भी वही कमियां हैं जो उसके पहले के संस्करणों में थी। प्रशासन यह साबित नहीं कर पाया है कि छह देशों के 15 करोड़ नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश के कारण उसके हितों को नुकसान होगा।
मालूम हो कि ट्रंप प्रशासन का यह ताजा आदेश पिछले महीने आया था जिसके तहत ईरान, लीबिया, सोमालिया, चाड, सीरिय, यमन और उत्तर कोरिया के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने इन देशों के नागरिकों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया था जो 90 दिन के बाद निरस्त हो गया था।
ट्रंप प्रशासन इस यात्रा प्रतिबंध आदेश को जायज ठहरा रहा है। उसका कहना है कि अमेरिका के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए यह जरूरी है लेकिन आलोचकों का कहना है कि सितंबर में जारी किया गया नए आदेश और 27 जनवरी को जारी पुराने आदेश में कोई फर्क नहीं है। यही वजह है कि पुराने आदेश को भी अदालतों ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह मुस्लिमों को निशाना बनाता है और अमेरिकी संविधान के खिलाफ है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal