कानपुर : प्रदेश सरकार ने खाद्य पदार्थो में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है। शासन ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अफसरों को निर्देश दिया है कि वह पुलिस और मजिस्ट्रेट की मदद से छापेमारी कर मिलावट करने वालों पर शिकंजा कसें। अब विभाग विशेष तौर पर खाद्य पदार्थो का उत्पादन करने वाले कारखानों पर छापेमारी करेगा ताकि घटिया खाद्य सामग्री बाजार में पहुंचने से पहले ही सीज की जा सके।
प्रदेश सरकार ने विभाग को इस काम में स्वयंसेवी संगठनों, नागरिक सुरक्षा संगठन की मदद ली जाएगी। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के नंबर बाटे जाएंगे ताकि मिलावट की जानकारी लोग उन्हें दे सकें। शहर मिलावटी खाद्य पदार्थो के हब के रूप में विकसित होता जा रहा है। पिछले एक साल में खोवा के सौ से अधिक नमूनों में मिलावट पकड़ी गई है। घी, रिफाइंड, सब्जी मसाला, सरसों का तेल भी जाच में मानक पर खरा नहीं उतरा है।
विभिन्न खाद्य पदार्थो के करीब दो सौ नमूने पेल हो चुके हैं। इन मामलों में मुकदमा भी दायर किया गया है। शहर में सब्जी मसाला, सरसों का तेल, रिफाइंड समेत तमाम तरह के खाद्य पदार्थो के कारखाने हैं। यहीं से दूसरे शहरों को भी खाद्य पदार्थ भेजे जाते हैं। आर्थिक लाभ के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का सरकार की ओर से व्यापक अभियान चलाने का आदेश मिला है तो खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग भी सक्रिय हो गया है।
जिला स्तरीय कमेटी का गठन होगा
शासन ने जिला स्तरीय कमेटी का गठन करने का आदेश दिया है। डीएम की अध्यक्षता में यह कमेटी बनेगी। इसमें नगर आयुक्त, डीपीआरओ, अभिहित अधिकारी, डीआइओएस, मत्स्य विभाग, बांट माप विभाग के अधिकारी, डीआइजी, एसएसपी, सीएमओ, नगर पालिका, नगर पंचायतों के ईओ, रेडक्रॉस के प्रतिनिधि और डीएसओ समेत 22 सदस्य होंगे। जरूरत पड़ने पर छापेमारी में इनकी मदद ली जाएगी। कमेटी की पहली बैठक 18 अप्रैल को होगी। इस मामले में अभिहित अधिकारी एसएसएच आबिदी का कहना है कि मिलावट रोकने के लिए मुहिम शुरू की जाएगी। नमूने तो भरे ही जा रहे हैं पर अब व्यापक अभियान के रूप में छापेमारी होगी।
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