देश में मालगाड़ियां भी आने वाले समय में एक्सप्रेस ट्रेन की रफ्तार से चलेंगी। इसके लिए रेल मंत्रालय ने अपनी तैयारी कर ली है। मंत्रालय देश भर में रेलवे ट्रैक पर विदेश में निर्मित इंजन के जरिए ऐसा करने जा रहा है। 
12 हजार हॉर्सपावर का है इंजन
एलस्टॉम फ्रांस से 12 हजार हॉर्सपावर के इंजन की बॉडी आने के साथ ही ऐसा अगले साल तक संभव हो पाएगा। अभी तक मालगाड़ियों में देश में बने इंजन का प्रयोग होता है, जिनकी औसत स्पीड 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा है। इन इंजन की मदद से केवल मालगाड़ियों को मध्यम स्पीड पर चलाया जा सकता है।
हल्दिया में उतारा गया इंजन
हाल में इस नए इंजन को पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट पर उतारा गया। अब इसे रेलवे की मधेपुरा स्थित फैक्ट्री में असेंबल किया जाएगा। रेलवे ने नवंबर 2015 में फ्रांस की इस कंपनी के साथ करार किया था। करार के मुताबिक एलस्टॉम अगले 11 साल में 800 इंजन का निर्माण करेगी। सभी इंजन का निर्माण बिहार के मधेपुरा में स्थित लोकोमोटिव फैक्ट्री में होगा।
रेलवे में पहली बार इतना बड़ा एफडीआई
रेलवे में पहली बार इतना बड़ा एफडीआई प्रोजेक्ट शुरू हुआ है। रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एक इंजन को तैयार करने में 30 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इंजन के सारे पार्ट्स फ्रांस से आएंगे और इसका ट्रायल रन फरवरी 2018 में होगा।
फ्रांस से आएंगे केवल पांच इंजन
रेलवे द्वारा किए गए कांट्रैक्ट के मुताबिक, केवल पांच इंजन फ्रांस से आएंगे, बाकी के 795 इंजन का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत मधेपुरा में होगा। इसके अलावा सहारनपुर और नागुपर में इंजन की मेंटिनेंस के लिए डिपो का निर्माण होगा। सभी इंजन 2028 तक बनके तैयार हो जाएंगे।
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