काबुल। काबुल स्थित अफगान सैन्य अकादमी पर आज सुबह किए गए हमले में पाक सेना का हाथ है। अफगान राजनयिक ने ये दावा किया है। उन्होंने कहा कि, हमले में इस्तेमाल किए गए हथियार पाकिस्तानी सेना के द्वारा जारी किए गए थे जो काफी समय पहले ही आतंकी समूह लश्कर-ए-तोएबा और अन्य आतंकी समूहों को आपूर्ति कराया गया था।
अफगानिस्तान के राजनयिक माजिद करार ने अपने ट्विटर पर लिखा कि हमलावरों के द्वारा इस्तेमाल किए गए उपकरणों की आपूर्ति पाक सेना ने कश्मीर और अफगानिस्तान में सक्रिय आंतकी समूहों को की थी।
अफगान राजनयिक माजिद करार ने ट्वीट कर लिखा, ‘रात्रि में देखने वाले चश्मे जो तालिबानी हमलावरों ने पहना था वे सेना के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले चश्मे हैं जो आम नागरिकों को नहीं बेचा जाता है। ये पाक सेना ने ब्रिटिश कंपनी से प्राप्त किये थे। पाकिस्तानी सेना ने इसे कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा को और अफगानिस्तान में तालिबान को उपलब्ध कराया। लश्कर-ए-तैयबा एक खतरनाक आतंकी समूह है।’
बता दें कि सोमवार की सुबह अफगान राष्ट्रपति के प्रवक्ता शाहुसैन मुर्तजावी ने कहा था, हमलावरों को अकादमी के पहले गेट पर ही रोक दिया गया था। आतंकियों के समूह में से एक आतंकी को सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट ने सैन्य सूत्रों के हवाले से बताया। टोलो न्यूज के अनुसार, हमलावरों की संख्या अभी भी अज्ञात है, जबकि दूसरी तरफ अफगान सुरक्षा बलों ने हमले वाले जगहों की घेराबंदी कर दी थी।
बताया जाता है कि काबुल शहर के सैन्य विश्वविद्यालय पर सुबह 5 बजे के करीब एक आतंकी हमले को अंजाम दिया गया। रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अकादमी के गेट के पास विस्फोट और भारी गोलीबारी की आवाजें सुनाई दी। बता दें कि इसके कुछ दिन पहले भी विस्फोटक लदे एक एंबुलेंस को काबुल के मशहूर चिकन स्ट्रीट में विस्फोट कर दिया गया था जिसमें 103 लोगों की जानें चली गई थी।
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