कुंबले के कमाल से भारत ने जीता तीसरा वनडे

भारत और पाकिस्तान के बीच कनाडा में बीच 1996 में शुरू हुए सहारा कप को आज 20 साल हो चुके हैं। 16 सितंबर से अमेरिकी धरती पर पहली बार चिर-प्रतिद्वंद्वी टीमें आपस में भिड़ रही थीं। बारिश के कारण 5 मैचों की यह सीरीज 2 दिन की देरी से शुरू हो पाया। लेकिन जब शुरू हुआ तो मुकाबले इस कदर रोमाचंक होते चले गए कि दर्शकों में इस सीरीज को लेकर क्रेज बढ़ता चला गया
कुंबले के कमाल से भारत ने जीता तीसरा वनडे 

सचिन तेंदुलकर की अगुवाई में टीम इंडिया ने पहला मैच आसानी से जीत लिया था, लेकिन दूसरे वनडे में उसे एक गेंद शेष रहते 2 विकेट से हार का मुंह देखना पड़ा था। 2 मैचों के बाद सीरीज 1-1 की बराबरी पर थी, तीसरा मैच दोनों ही टीमों के लिए खास था क्योंकि जीतने वाली टीम का मनोबल अंतिम मैचों में बढ़ा हुआ रहेगा।

कनाडा के टोरंटो में सीरीज के सभी मैच लगातार 5 दिन खेले गए। 18 सितंबर को तीसरा मैच खेला गया जिसमें टीम इंडिया की बल्लेबाजी बेहद निराशाजनक रही और महज 50 ओवर में महज 191 रन ही बना सकी, लेकिन गेंदबाजों ने कुछ ऐसा जलवा दिखाया कि भारतीय टीम ने 55 रनों के बड़े अंतर से जीत लिया और सीरीज में 2-1 की महत्वपूर्ण बढ़त बना ली।

इस बार अपनी फिफ्टी से चूक गए द्रविड़

कप्तान सचिन तेंदुलकर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया जो उसके लिए गलत साबित होता दिखा। पारी की शुरुआत करने वाली नयन मोंगिया और तेंदुलकर की सलामी जोड़ी सस्ते में आउट हो गई। विपक्षी कप्तान और तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने जोरदार गेंदबाजी करते हुए दोनों सलामी बल्लेूबाजों को 2-2 रन पर पवेलियन भेज दिया।

दोहरे झटके के बाद राहुल द्रविड़ और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने तीसरे विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी कर टीम इंडिया की पारी को थोड़ा नियंत्रित किया और स्कोर 88 रन तक ले गए। लेकिन अजहर आमिर सुहैल की गेंद के शिकार हो गए और 38 रन पर स्टंप आउट हो गए। स्कोर अभी 103 रन ही हुआ था कि द्रविड़ भी 46 रन पर सकलैन मुश्ताक के शिकार हो गए। पिछले मैच में द्रविड़ 10 रन से अपने शतक से चूक गए थे और इस मैच में 4 रन से अपनी फिफ्टी से।

अकरम के साथ-साथ वकार युनूस, मुश्ताक अहमद और आमिर सुहैल ने भी बेहद कसी हुई गेंदबाजी की जिस कारण भारतीय बल्लेबाज खुलकर नहीं खेल पाए। इस मैच में विनोद कांबली (29), अजय जडेजा (23), सुनील जोशी (31) और जवागल श्रीनाथ (3) के योग से भारत 50 ओवर में 191 रन बनाकर ऑलआउट हो गया। एक समय भारत का स्कोर 5 विकेट पर 179 रन था लेकिन उसके शेष 5 विकेट महज 12 रन के अंदर गिर गए और टीम 200 के पार नहीं जा सकी। पाक की ओर से वकार ने 7 ओवर में एक मेडन के साथ 15 रन और मुश्ताक ने 10 ओवर में 2 मेडन के साथ 29 रन दिए।

कुंबले ने लो-स्कोरिंग मैच में 12 रन देकर झटके 4 विकेट

टीम इंडिया से मिले 192 रनों के छोटे से लक्ष्य के जवाब में पाक टीम की भी शुरुआत बेहद खराब रही और उसके 3 विकेट 16 रन पर ही गिर गए। सलीम इलाही (4), आमिर सुहैल (1) और एजाज अहमद (0) सस्ते में पवेलियन लौट गए।

शुरुआत में ही लगे तिहरे झटके के बाद पाकिस्तान की टीम अभी संभलने में जुटी ही थी कि उसने अपने सबसे खास बल्लेबाज ओपनर सईद अनवर का विकेट गंवा दिया। अनिल कुंबले ने अनवर को 28 रन के निजी स्कोर पर आउट करा दिया। अनवर के जाते ही भारतीय गेंदबाजों ने पाक बल्लेबाजों पर अंकुश बनाना शुरू कर दिया जिस कारण दबाव इतना बढ़ा कि बल्लेबाज आसानी से अपना विकेट गंवाते चले गए।

सलीम मलिक 27 रन के स्कोर पर कुंबले की ही गेंद पर एलबीडब्लयू हो गए। हालांकि विकेटकीपर-बल्लेबाज मोइन खान ने 42 रनों की पारी खेलकर टीम को लक्ष्य की ओर ले जाने की कोशिश की, लेकिन दूसरे छोर पर किसी अन्य बल्लेबाजों का साथ नहीं मिलने से उनका प्रयास बेकार साबित हुआ। फिर पूरी टीम 42.4 ओवर में 136 रन पर आउट हो गई। इस तरह से भारत यह मैच 55 रनों के बड़े अंतर से जीत गया।

भारत की जीत में अनिल कुंबले का खास योगदान रहा क्योंकि उन्होंने 7 ओवर में 2 मेडन के साथ महज 12 रन देकर 4 विकेट झटक कर पाक टीम की बल्लेबाजी तोड़कर रख दी। बाकी काम वेंकटेश प्रसाद और जवागल श्रीनाथ ने पूरा कर लिया। प्रसाद ने 22 रन देकर 3 और श्रीनाथ ने 20 रन देकर 2 विकेट झटके।

 

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