टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री को नेशनल कंपनी लॉ एपिलिएट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से राहत मिल गई है. एनसीएलटी ने साइरस मिस्त्री की दो कंपनियों की याचिकाओं को टाटा संस के खिलाफ मामले दर्ज करने की छूट दे दी है. हालांकि ट्रिब्यूनल ने एक और याचिका को नकार दिया. इस पर ट्रिब्यूनल ने कहा कि फर्म्स की टाटा संस में 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं है. साइरस मिस्त्री ने इस फैसले पर खुशी जताई है.राम रहीम के गांव में छुपी है हनीप्रीत? तीन थानों की पुलिस ने गर्ल्स स्कूल को घेरा
एनसीएलटी का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब टाटा संस की शेयरहोल्डर्स के साथ अहम बैठक होने वाली है. साइरस मिस्त्री ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हम एनसीएलटी के इस फैसले का स्वागत करते हैं. हम कॉरपोरेट गवर्नेंस के ऊच्च मानकों को बनाए रखने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि हम टाटा ग्रुप से पूरी तरह पारदरशिता की मांग करते हैं. ताकि ग्रुप के लाखों शेयरहोल्डर्स के हितों की रक्षा हो सके.
मिस्त्री ने अपनी दो कंपनियों सायरस इनवेस्टमेंट्स और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट्स के जरिए टाटा संस के खिलाफ यह मामले दर्ज किए हुए हैं. दोनों कंपनियों ने टाटा संस पर बेहतर प्रबंधन न कर पाने का आरोप लगाया है. इससे पहले अप्रैल में एनसीएलटी ने इन मामलों को दर्ज करवाने से इनकार कर दिया था. तब ट्रिब्यूनल ने कहा था कि कंपनियों के पास ग्रुप में इतनी हिस्सेदारी नहीं है कि वह मामला दर्ज करवा सके.