80 और 90 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में कई चर्चित चेहरे थे और उस वक्त एक ऐसी लड़की फिल्मों में आई जिसके चेहरे की मासूमियत और झील सी गहरी आंखों ने लोगों के दिलों को छू लिया। ये लड़की थी साधना सिंह, जिन्होंने राजश्री प्रोडक्शनंस की फिल्म ‘नदिया के पार’ से अपना डेब्यू किया।
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साधना सिंह हीरोइन नहीं बनना चाहतीं थीं लेकिन निर्देशक सूरज बड़जात्या उन्हें देखते ही फैसला कर बैठे कि वही उनकी फिल्म की हीरोइन होंगी..और बस साधना इस तरह हीरोइन बन गईं। पहली ही फिल्म ने साधना को स्टार बना दिया और बड़ी हीरोइनों की लीग में ला खड़ा किया। इस फिल्म के बाद जहां साधना के पास फिल्मों की बौछार शुरु हो गईं तो वहीं दूसरी तरफ उनके फैंस की फेहरिस्त भी बढ़ती चली गई।
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धीरे-धीरे साधना सिंह की लोकप्रियता इस मुकाम पर पहुंच गई कि लोग उनसे मिलने के लिए लाइन लगाकर खड़े रहते। कई बार तो ऐसा हुआ कि साधना से मिलने के चक्कर में लोगों को पुलिस की मार भी खानी पड़ी। बावजूद इसके अपनी हीरोइन के लिए उनका प्यार कम नहीं हुआ।
साधना की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें कड़ी सुरक्षा दी जाती है। आमतौर पर जहां फिल्मी सितारों के साथ बॉडीगार्ड चलते हैं, वहीं साधना सिंह के लिए बाकायदा पुलिस की कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त किया जाता। कुल मिलाकर साधना सिंह ने अपने चंद सालों के फिल्मी करियर पर अपार सफलता देखी।
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चूंकि साधना का सपना हीरोइन बनना नहीं था इसलिए सफल डेब्यू के बाद गिनती की कुछ फिल्में करने के बाद साधना ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी और टीवी का रूख किया। साधना सिर्फ एक बेहतरीन हीरोइन ही नहीं बल्कि उम्दा सिंगर भी थीं। उन्होंने कई रिएलिटी शोज में काम किया अपने गायन का जौहर दिखाया। सिंगिग के अलावा साधना सिंह ने कई डेली सोप में भी काम किया। लेकिन जितनी सफलता साधना को फिल्मों से मिली वो उन्हें बाद में नहीं मिल पाई। पर साधना अपने सिंगिंग प्रोफेशन और टीवी शोज में काम करके खुश हैं। उनकी एक बेटी है शीना। शीना भी एक हीरोइन हैं और वो रुसलान मुम्ताज के साथ फिल्म ‘तेरे संग’ में नजर आईं थीं।