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कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही दोनों नेताओं ने कहा था कि वे कांशीराम के बहुजन मिशन को आगे बढ़ाना चहाते हैं। इसके लिए उऩ्होंने सभी बीएसपी समर्थकों से आगे आने की अपील की थी। वे बाबा साहब की जयंती पर एक नया फोरम बनाने जा रहे हैं। इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी दिन वे अलग राजनैतिक मंच बना सकते हैं।
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दोनों नेताओं ने मायावती पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लगातार हार के बाद भी उन्हें पार्टी और कार्यकर्ताओं की परवाह नहीं है। कांशीराम द्वारा बनाई गई पार्टी का वोटबेस गिरता जा रहा है।
नेताओं का कहना है कि वह दलितों, अति पिछड़ों और दूसरे कमजोर तबकों के लिए नया कैडर बनाएंगे। इसका फैसला 26 मार्च का लिया गया था। इसमें बीएसपी से नाराज कई नेता और जिले स्तर के कई पदाधिकारी शामिल थे।