रांची : केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों को कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती करने का निर्देश दिया है.केंद्र ने पत्र लिखकर सुविधाओं के लिए बैंक यूनियनों के साथ समझौता करने को कहा है.सुविधाओं में लीव ट्रेवल कंसेशन (एलटीसी), वेतनमान बढ़ोतरी और अन्य शामिल हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार ने बैंकों के पूंजीगत अनुदान को उनके त्रैमासिक लक्ष्य के आधार पर तय कर दिया है.इस संबंध में केंद्र सरकार ने यूनाइटेड बैंक अॉफ इंडिया, यूको बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, विजया बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और देना बैंक को पत्र भेजा है. सूत्रों ने बताया कि इन बैंकों की ओर से केंद्र से 500-500 करोड़ की पूंजीगत सहयोग राशि मांगी गई थी. केंद्र ने बैंकों की मांग को यह कह कर ठुकरा दिया है कि इन बैंकों की संपत्ति और लाभ की स्थिति संतोषप्रद नहीं है.
यही नहीं केंद्र सरकार ने बैंकों के पूंजीगत अनुदान को उनके त्रैमासिक लक्ष्य के आधार पर तय कर दिया है. इसमें बैंकों के निदेशक मंडल, प्रबंधन और कर्मियों को तय लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने और लक्ष्य की प्राप्ति के निर्देश भी दिये गये हैं. जबकि दूसरी ओर अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि बैंककर्मी बदलाव के लिए सहयोग करने को तैयार हैं.लेकिन यूनियन और संघों पर जबरन कोई चीज थोपे जाने का विरोध किया जायेगा.