अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मेधा आधारित नई इमिग्रेशन पॉलिसी का प्रस्ताव पेश किया है, जो हाई स्किल्ड इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. हालांकि इस कठोर आव्रजन योजना के तहत भारतीय प्रोफेशनल्स अपने परिवार को स्पॉन्सर नहीं कर पाएंगे.
ट्रंप ने अमेरिकी कांग्रेस में पेश इस प्रस्ताव में एच1-बी वीजा का कोई जिक्र नहीं है, जो भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को दिया जाता है.
मेधा-आधारित आव्रजन प्रणाली की स्थापना का यह कदम हाई स्किल्ड इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए फायदेमंद हो सकता है, खासकर आईटी क्षेत्र के लोगों के लिए. बहरहाल, नई नीतियां भारतीय मूल के उन हजारों अमेरिकियों को बुरी तरह प्रभावित करेंगी जो अपने परिवार के सदस्यों को अमेरिका में अपने साथ रखना चाहते हैं.
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डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने ट्रंप के इस प्रस्ताव की निंदा की है. ट्रंप ने बचपन में अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने वाले नाबालिगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम डेफर्ड ऐक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स (डीएसीए) को पिछले माह खत्म करने की घोषणा की थी.
अमेरिका में इस तरह के बच्चों को ‘ड्रिमर्स’ कहा जाता है और उन्हें दो साल का वर्क परमिट प्रदान किया जाता रहा है. लेकिन ट्रंप अब इसे ‘असंवैधानिक’ घोषित करना चाहते हैं. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डीएसीए कार्यक्रम शुरू कर इस तरह के बच्चों को कानूनी रूप से काम करने का अधिकार दिया था.