गजब का हौंसला रखने वाली किसान पिता की इस होनहार बेटी से मिलिए। आरबीआई की नौकरी छोड़कर पीसीएस की राह चुनी और एसडीएम बन गई।
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ये होनहार बेटी है, गुज्जर बिरादरी से संबंधित व कृषि धंधे से जुड़े सतनाम सिंह की बेटी सोनम चौधरी। 27 साल की आयु में एसडीएम के पद पर पहुंची सोनम का जन्म 1990 में पंजाब के नवांशहर जिले के गांव जलालपुर में हुआ। परिवार में तो क्या उनकी रिश्तेदारी में भी कोई अधिकारी नहीं था। अपने छोटे-छोटे कामों के लिए सरकारी दफ्तरों में धक्के खाने के बाद सोनम ने अधिकारी बनकर सिस्टम सुधारने की ठानी।
सोनम को कंप्यूटर साइंस इंजीनियर की डिग्री हासिल करने के बाद उसे आरबीआई में नौकरी मिल गई थी, लेकिन उनका मन सिविल प्रशासन में बड़ी अधिकारी बनकर लोगों की सेवा करने में था। वे ड्यूटी के बाद पीसीएस की पढ़ाई की तैयारी करतीं थीं। सोनम ने बताया कि उनके गांव वाले व रिश्तेदार अक्सर कहते कि क्या पढ़कर तू कोई आफिसर बन जाएगी, लेकिन उसने ऐसी बातों पर कोई प्रतिक्रिया देने के बजाय पढ़ाई पर जोर दिया।
आखिर सोनम की मेहनत रंग लाई और वे पीसीएस की परीक्षा में पहली बार प्रयास में ही फरवरी 2014 में अधिकारी बन गईं। गुज्जर बिरादरी से संबंधित होने के कारण उनके परिवार में तो क्या उनकी रिश्तेदारी में भी कोई अधिकारी नहीं था और न ही कोई ऊंची पहुंच। सोनम ने बताया कि जब भी वे किसी सरकारी दफ्तर में जातीं तो लोगों की हो रही दिक्कत से उन्हें बेहद दुख होता था। सोनम ने कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई की और पीसीएस बन गईं।
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आज सोनम संगरूर जिले की एसडीएम हैं और लोगों की सेवा करने के साथ-साथ सिस्टम में और भी सुधार लाने के लिए प्रयासरत हैं। सोनम ने बताया कि रिश्तेदार और गांव वाले अक्सर कहते थे कि पढ़-लिखकर क्या तूं अफसर बन जाएगी। गुस्सा तो बहुत आता था, मगर कोई प्रतिक्रिया देने के बजाए मैं मन लगाकर पढ़ती थी। इरादा और मजबूत होता था। मैं उन निराशावादी बातें करने वालों को जवाब तो देना चाहती थी और ये मैंने कर दिखाया।