लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की किसान कर्ज माफी योजना एक बड़ा सच सामने आने लगा है। बताया जा रहा है कि इस योजना के तहत केवल नाम मात्र के पैसे देकर उनके साथ धोखा किया गया है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं। इसको फर्क इंडिया आपके सामने ला रहा है।
किसान कर्जमाफी योजना
हालांकि ये योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना थी। इस योजना को लेकर जनता से विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कई वादे किए थे। बीजेपी का यह भी दावा है कि हाल ही में लखनऊ में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री करीब 7,500 किसानों को कर्ज माफी का ऋणमोचन प्रमाण पत्र वितरित किए हैं।
उधर कर्ममाफी योजना की तस्वीरें ही नहीं इन तस्वीरों के साथ अखबरों में खबरें भी छपने लगी हैं। कहा जा रहा है कि जिन किसानों के एक लाख रुपए कर्ज माफ होने थे उनके तीन या चार रुपए कर्ज माफ किए गए हैं। दैनिक जागरण के अंक में भी यह खबर प्रकाशित हुई है। सोशल मीडिया पर भी ऐसी बहुत सी खबरें वायरल हो रही हैं, जिसमें 10 रुपए तक कर्ज माफ किया गया है।
इन तस्वीरों और पैसों को लेकर सत्यापन करने के लिए दिए गए फोन नंबर 9235629619 पर फोन किया गया, लेकिन यह सरकारी फोन नंबर नॉट रीचेबल बता रहा है। बात नहीं हो पाई।
यह किसान कर्जमाफी का चेक भी आप देख सकते हैं। इस चेक में किसान का केवल 215 रुपया माफ किया गया है। यह किसानों के साथ मजाक नहीं है, तो और क्या है। किसान कर्जमाफी को लेकर किसानों के मन में बहुत आशाएं हैं, लेकिन ये आशाएं अब दम तोड़ रही हैं।
कैबिनेट की पहली बैठक का था फैसला
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YOGI सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में ही किसानों के फसली कर्ज माफ करने का फैसला किया था। ये बड़ी सुविधा सिर्फ उन लघु और सीमांत किसानों को ही मिलेगी, जिनके पास पांच एकड़ खेती वाली जमीन है और जिन्होंने एक लाख रुपये तक का कर्ज ले रखा है।