यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने बातों के साथ कानूनी पैंतरे को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसका एक नमूना उन्होंने तब दिखाया जब नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता जुनैद अज़ीम मट्टू को उन्होंने कानूनी नोटिस भेजकर माफ़ी मांगने की बात कही है।
योगी ने भारत सरकार के वकील अभिषेक दत्तात्रेय के माध्यम से जुनैद को मानहानि का नोटिस भेजा है। नोटिस में जुनैद अज़ीम पर योगी आदित्यनाथ और भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार का आरोप लगाया गया है। जुनैद से माफ़ी मांगने के लिए कहा गया है।
अभी अभी: सीएम योगी के इस काम से मोदी-शाह की उड़ गई नींद, चारों तरफ मचा हडकंप जुनैद अज़ीम मट्टू ने बीजेपी के खिलाफ जानबूझकर नफरत फैलाई योगी की तरफ से भिजवाए गए इस नोटिस में कहा गया है कि जुनैद ने ऐसे बयान दिए थे जिसमें योगी आदित्यनाथ पर ‘हिन्दुओं को मृत मुस्लिम महिलाओं के साथ दुष्कर्म’ के लिए उकसाने के प्रयास की बात कही गयी।
नोटिस में कहा गया है कि जुनैद मट्टू ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और मोदी सरकार के खिलाफ जानबूझकर नफरत फैलाने के इरादे से ये बयान दिया है, जो कि सीधे तौर पर राजद्रोह है पुरानी गाड़ी की सही कीमत को लेकर परेशान हैं? ओबीवी संग बेफिक्र रहें अभी तक म्यूचुअल फंड में नहीं किया निवेश? निवेश कीजिए म्यूचुअल फंड में क्या आप जानते हैं?
आप कार इंश्योरेंस प्रीमियम पर 60% तक छूट पा सकते हैं इसके लिए जुनैद को नोटिस मिलने के दो सप्ताह के अन्दर माफ़ी मांगनी होगी। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए हम बाध्य हैं। मट्टू ने इसके जवाब में कहा है कि वे इससे डरने वाले नहीं हैं। उनका कहना है, ‘इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि मुस्लिमों के खिलाफ खुलेआम हिंसा भड़काने वाले लोग मुझे कानूनी नोटिस भेज रहे हैं।
योगी अपनी कुख्याति को ख्याति समझ बैठे हैं। उत्पीड़न और हिंसा उनका हथियार रहा है।’ योगी के नोटिस का जवाब उन्होंने अपने वकील के ज़रिये भिजवाने की बात कही है। नोटिस के जरिये योगी ने ये नया पैंतरा इस्तेमाल किया है। मामला कहाँ तक आगे जाएगा, ये कहना मुश्किल है, लेकिन एक बात स्पष्ट है, ज़िम्मेदार पद पर बैठने के बाद योगी ने कानूनी नोटिस के ज़रिये अपने व्यक्तित्व का एक अलग रूप दिखाया है। अन्यथा इससे पहले अक्सर वे लोगों के बयानों के जवाब अपने भाषणों के ज़रिये देते देखे गए हैं।