क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि पेट्रोल के दाम 200 से 250 रुपये लीटर हो चुके हैं ? जी हां, विश्वास तो करना ही पड़ेगा। मणिपुर में पेट्रोल आम आदमी की पहुंच से पार हो गयाहै।
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दाम 200 से 250 रुपये लीटर होजाने से प्रत्याशी भी पैदल प्रचार करने को मजबूर हैं। यहां चार मार्च को विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसको लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी कवायद तेज कर दी हैं। इसी बीच मणिपुर में चल रही चुनावी मुहिम को बयां करती एक नई खबर सामने आई है। जिसमें पेट्रोल की ऊंची कीमतों की वजह से वहां के राजनीतिक दलों के उम्मीदवार पैदल चुनाव प्रचार करने को मजबूर हैं। मणिपुर में नवंबर से जारी आर्थिक नाकेबंदी की वजह से पेट्रोल की कीमत के 200-250 रूपये प्रति लीटर तक पहुंचने के कारण विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार पैदल चुनाव प्रचार करने को मजबूर हैं।
राज्य में सात नये जिले बनाये जाने के विरोध में युनाइटेड नगा कौंसिल (यूएनसी) ने एक नवंबर 2016 से अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी शुरू की हुई है। नाकेबंदी के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग के अवरूद्ध होने से मणिपुर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो गयी है।
अधिकतर पेट्रोल पंप पर ईंधन की बहुत भारी किल्लत हो गयी है। जिसके बाद राज्य में इसकी ब्लैक मार्केटिंग शुरु हो गई है। हालत यह हो चुकी है कि राज्य में पेट्रोल 200 से 250 रुपये प्रति लीटर की हिसाब से बिक रहा है। इसके कारण राजनीतिक पार्टियां प्रचार के लिए कम से कम वाहनों का इस्तेमाल कर रही हैं।
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राज्य के एक बीजेपी के एक नेता ने कहा, ‘‘अधिकतर स्थानों पर हमारे उम्मीदवार पैदल प्रचार कर रहे थे। इससे पहले हम कारों और खुली जीप में प्रचार किया करते थे। इस बार पेट्रोल और डीजल की भारी किल्लत है और उनके दाम बहुत अधिक हैं।’’