टाटा मोटर्स ने अपने 6 हजार कर्मचारीयों को नौकरी से निकाल दिया हैं। कंपनी ने एक इंटरव्यू के जरिएं इसकी जानकारी दी। टाटा ने ये कर्मचारी जमशेदपुर प्लांट से निकाला हैं। जानकारी के अनुसार सर्कुलर के तहत कंपनी प्रबंधन हैवी कैब फिटमेंट लाइन को 31 मार्च से बंद किया गया है। लेकिन बाई-सिक्स कर्मचारियों का आरोप है कि प्रबंधन को ब्लॉक क्लोजर का वेतन उन्हें देना नहीं पड़े, इसलिए उन्हें सीधे काम से बैठाया गया है।
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क्या कहना हैं कंपनी का-
·कंपनी प्रबंधन इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। लेकिन सूत्रों का कहना है कि बीएस-4 मॉडल के नए वाहनों पर जब तक मार्केट में डिमांड नहीं बढ़ता है, तब तक अस्थायी कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाएगा।
·वहीं, सभी स्थायी कर्मचारियों व प्रशिक्षुओं को चार अप्रैल को पूर्व की तरह ड्यूटी ज्वाइंन करने को कहा गया है।
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टाटा मोटर्स, जमशेदपुर प्लांट और उसकी सभी अनुषंगी इकाई चार दिनों तक बंद रहेगी। कंपनी प्रबंधन 31 मार्च व तीन अप्रैल को ब्लॉक क्लोजर ले रही है। वहीं, एक व दो अप्रैल को छुट्टी दी गई है। कर्मचारियों से प्रबंधन ने पहले ही दो साप्ताहिक अवकाश पर काम लिया था। ब्लॉक क्लोजर में प्रबंधन 50 फीसदी का भार उठाएगी जबकि एक छुट्टी कर्मचारियों के मद से कटेगा।