जानिए कैसे ट्यूशन की जगह जिम जाते-जाते बन गई ‘मिस इंडिया फिजिक स्पोर्ट्स’

देश की पहली महिला फिजिक स्पोर्ट्स (बॉडी बिल्डिंग नहीं) है, जिन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर इस खेल में अपना करियर बनाया है। उन्होंने स्वर्णिम सफलता पाकर यह साबित कर दिया कि वह भी किसी से कम नहीं है। जानिए कैसे ट्यूशन की जगह जिम जाते-जाते बन गई ‘मिस इंडिया फिजिक स्पोर्ट्स’

इंदौर के बास्केटबॉल कॉम्पलेक्स में 18 व 19 फरवरी को होने वाली राष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लेने आ रही मुंबई (पहले जयपुर) निवासी श्वेता ने एक चर्चा में कहा- शुरुआत में मैं काफी मोटी थी और स्कूल में सभी मुझे मोटी-मोटी कहकर चिढ़ाते थे। इसके बाद 9 वीं कक्षा में पहुंचते ही मैंने वर्कआउट करना शुरू किया।

बकौल श्वेता, मेरे पिता (अनिलसिंह राठौर) को जिम जाना बिलकुल मंजूर नहीं था। इसलिए मैंने ट्यूशन के समय (दोपहर 2-5 बजे) जिम में वर्कआउट किया।

मुझे इसमें इतना मजा आता था कि जब बाकी लोग 100 क्रंचेज करके रुक जाते थे, मैं हजार करके भी थकती नहीं थी। धीरे-धीरे प्रतिस्पर्धा में आ गई। मैं इस मिथक को तोड़ना चाहती थी कि लड़कियां मसल्स बनाने पर खूबसूरत नहीं लगतीं।

मछली खाने से उम्र में होती है बढोत्तरी

नतीजा यह हुआ कि जब कहीं जाती हूं तो लड़की ही नहीं लड़के भी मेरी मसल्स देखकर चौंक जाते हैं। मैं चाहती हूं कि लड़कियों को इस खेल में जरूर आना चाहिए। सकारात्मक सोच से सफलता जरूर मिलती है।

उन्होंने आगे बताया, जहां तक शादी की बात है तो मैं उसी को अपना बनाऊंगी जो मुझे समझता होगा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com