अपना मकान होना हर एक का सपना होता है। इसके लिए कई तरह के पापड़ बेलने होते हैं। अगर आप मकान खरीद रहे हैं तो सबसे पहले तो प्रॉपर्टी और लोकेशन का चुनाव करना होता है। अगर आपको अच्छी प्रॉपर्टी मिल गई तो फिर होम लोन के लिए बैंक में अर्जी देनी होती है। बैंक से घर के लिए लोन लेना कोई आसान काम नहीं है।
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इसके लिए बहुत तैयारी की जरूरत होती है। कई तरह के कागजात जुटाने होते हैं। ये सब करने के बाद भी जब बैंक आपके होम लोन की अजी खारिज कर देता है तो आपको समझ नहीं आता कि लोन की अर्जी क्यों खारिज हुई। इसलिए आपको पता होना चाहिए कि बैंक किन आधार पर आपकी अर्जी खारिज कर सकते हैं। अगर पूरी तैयारी के साथ लोन की अर्जी देंगे तो आपका होम लोन तुरंत पास हो जाएगा।
मकान खरीदने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। प्रॉपर्टी की कीमतें भी बढ़ रही हैं। दूसरी तरफ बैंक फंसे कर्ज से लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए मकान खरीदने के लिए लोन लेना भी एक चुनौती है। लोन की अर्जी में बैंक कई तरह की जांच करती है। बैंक उन्हीं लोगों को लोन देती है जो समय पर उसे चुका सकें। याद रखें कि जब भी आपका होम लोन रिजेक्ट होता है आप दूसरा लोन लेने की कोशिश करते हैं। इस तरह की लोन की अर्जी आपको कर्ज का भूखा दिखाती है। इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। आपका क्रेडिट स्कोर घट जाता है। इसलिए बार-बार लोन की अर्जी खारिज होने से बचने के लिए आपको उन बातों के बारे में पता होना चाहिए जिसके आधार पर बैंक लोन की अर्जी रिजेक्ट करते हैं। आप अगर इनका ध्यान रखेंगे तो आपकी लोन की अर्जी खारिज होने से बच जाएगी।
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अस्थाई नौकरी
बैंक और एनबीएफसी लोन देते समय स्थाई नौकरी को सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है लोन समय पर वापस चुकाने की क्षमता है। कुछ बैंक इस बात पर जोर देते हैं कि कर्ज लेने वाला एक कंपनी में कम से कम 3 से 4 साल से नौकरी कर रहा हो। ऐसे लोगों को ही वो लोन के लिए योग्य मानते हैं। ऐसे लोग जिनको काम का अनुभव कम है या जो बार-बार नौकरी बदलते हैं उनकी होम लोन की अर्जी खारिज हो जाती है। ऐसे लोग जो बार-बार नौकरी बदलते हैं उनकी अर्जी भी खारिज होने का ज्यादा खतरा रहता है।
कम क्रेडिट स्कोर
लोन की अर्जी देने वाले ने कितना और कब कर्ज लिया है इसमें भी बैंक की रूचि रहती है। इसको आधार बनाकर भी लोन पास किया जाता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है तो आपको लोन मिलना मुश्किल है। आपकी लोन की अर्जी देने के बाद तुरंत बैंक आपका क्रेडिट स्कोर चेक करती है। भले ही फंड की कमी के चलते या आपके आलस के कारण किसी लोन के रीपेमेंट में दिक्कत हुई है तो आपका क्रेडिट स्कोर घटेगा। अगर क्रेडिट स्कोर के आधार पर आपका लोन खारिर्ज हुआ तो दोबारा लोन लेने में काफी मुश्किल आएगी। कर्ज देने वाले बैंक हमेंशा 750 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा मानते हैं। अगर आपका क्रेडिट स्कोर इससे ऊपर है तो आपको लोन मिलने की ज्यादा उम्मीद है।
आईटीआर फाइल करने में देरी
अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है और आपकी नियमित आय है तो भी आईटीआर फाइल करने में अनिमियतता बरतने पर बैंक आपकी अर्जी खारिज कर सकते हैं। बैंक होम लोन की अर्जी के समय पिछले सालों के भरे आईटीआर फॉर्म मांगती है। अगर आपने थोड़े समय में एक से ज्यादा आईटीआर फाइल किए हैं इसका मतलब है ये कदम लोन की मंजूरी के लिए उठाया है। इन आईटीआर के साथ टैक्स नहीं भरा गया है तो बैंक इनको शक की निगाह से देखेंगे। इसलिए समय पर आईटीआर फॉर्म भरना जरूरी है। होम लोन के लिए ये एक जरूरी डॉक्यूमेंट है।
जोखिम भरी नौकरी
बैंक ऐसे लोगों को कम ही लोन देते हैं जो जोखिम भरा काम करते हैं। ऐसी नौकरी में जान जाने का खतरा रहता है ऐसे में लोन का रीपेमेंट मुश्किल होता है। ऐसे कर्मचारी बॉयलर्स या केमिकल की फैक्ट्री में का करते हैं उनकी अर्जी भी अटक सकती है। हालांकि लोन का इंश्योरेंस होता है पर बैंक ऐसे में जोखिम लेना पसंद नहीं करते हैं।
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कम दाम वाली प्रॉपर्टी
बैंक और कर्ज देने वाली कंपनियां उस प्रॉपर्टी की कीमत आंकती है जिसके लिए आपने लोन की अर्जी दी है। अगर बैंक को लगता है कि प्रॉपर्टी की कीमत बहुत कम है लोन के मुताबिक नहीं है तो लोन की अर्जी खारिज हो सकती है। इसलिए आप जिस प्रॉपर्टी को खरीद रहे हैं उसकी कीमत बाजार के मुताबिक ही हो। प्रॉपर्टी की बाजार से बहुत अधिक कम कीमत भी बैंक के शक का कारण बन सकती है।
प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट में कानूनी पेंच
अगर प्रॉपर्टी किसी कानूनी मामले में फंसी है तो बैंक ऐसी प्रॉपर्टी पर लोन देने से कतराती है। बैंक प्रॉपर्टी के पुराने सभी रिकॉर्ड चेक करती है। अगर उसे कुछ गड़बड़ी लगती है तो लोन पास नहीं होता है। विवादित प्रॉपर्टी लोन देकर बैंक भी नहीं फंसना चाहती है। बैंक पुरानी चेन रजिस्ट्री और जमीन से जुड़े कागजात भी मांगते हैं।
गलत बिल्डर
अगर आपने सभी सही डॉक्यूमेंट दिए हैं और आपका बिल्डर सही नहीं है तो यहां भी मामला अटक सकता है। बैंक प्रोजेक्ट और बिल्डर को अपने हिसाब से जांचते हैं। बैंक कई बिल्डरों को ब्लैकलिस्ट में डाल कर रखते हैं। इनकी प्रॉपर्टी पर अगर कोई लोन मांगता है तो उसकी अर्जी खारिज कर दी जाती है। आपकी तरह बिल्डरों का भी पूरा रिकॉर्ड जांचा जाता है।
प्रोसेसिंग फीस का चेक
बैंक लोन पास करने के लिए प्रोसेसिंग फीस लेते हैं। ये फीस आपकी लोन की कुल रकम का एक चौंथाई से एक फीसदी तक हो सकती है। बैंक इस फीस को चेक से लेते हैं। अगर आपका चेक किसी भी कारण से पास नहीं होता है तो आपका लोन अटक जाएगा। इसलिए ध्यान रखें कि जिस बैंक का चेक दिया है उसमें रकम हो।
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आपकी उम्र
होम लोन में आपकी उम्र भी रोड़ा बन सकती है। अगर आपकी उम्र ज्यादा है तो लोन रिजेक्ट हो सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर आप रिटायरमेंट के एकदम नजदीक हैं तो बैंक के पास ये अधिकार है कि वो आपके लोन की अर्जी खारिज कर दे।
घर का पता डिफॉल्टर लिस्ट में
अगर आपका पता किसी कारण से नेशनल क्रेडिट ब्यूरो की डिफॉल्टर लिस्ट में है तो भी आपको होम लोन नहीं मिलेगा। ऐसा आपके किसी परिवार के सदस्य या किराएदार के लोन या क्रेडिट कार्ड का पेमेंट नहीं भरने के कारण हो सकता है। इसलिए लोन की अर्जी देने से पहले आप बैंक को इसकी जानकारी जरूर दें।
आखिर में एक बात और होम लोन की अर्जी देने से पहले आप जरूरी कागजात जुटा लें। इसमें आपके बैंक स्टेटमेंट, पहचान पत्र मसलन वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पते का प्रमाण पत्र, पैन कार्ड जैसे कागजात शामिल है। बैंक आपसे प्रॉपर्टी की चेन रजिस्ट्री और मकान का नक्शा भी मांगते हैं। इनको जुटा लें तभी लोन की अर्जी दें। अगर आप इन सब बातों का ध्यान रखेंगे तो आपके होम लोन की अर्जी खारिज होने की संभावना कम रहेगी और आप आसानी से अपने सपनों का घर खरीद सकेंगे।