बीजेपी के खिलाफ गठबंधन नें मायावती की पार्टी को क्यों शामिल नहीं किया गया, इस पर अखिलेश ने कहा, उनका चुनाव चिह्न ही इतना बड़ा है, वो जितनी जगह मांगती, शायद हम और राहुल उसे न दे पाते। अखिलेश ने मजाक के लहजे में कहा कि उन्हें बहुत दिनों से बुआ भी नहीं किया।
वहीं राहुल ने अखिलेश की तारीफ की और कहा कि अखिलेश की नीयत और उद्देश्य सही है। उन्होंने कहा, कोई नहीं कह सकता कि अखिलेश ने कुछ नहीं किया। राहुल ने कहा कि अब हम मिलकर
अखिलेश ने कहा, सभी जानते हैं कि सरकार ने काम किया है।
27 साल यूपी बेहाल के नारे पर बोले राहुल, कांग्रेस पार्टी का लखनऊ में एक सम्मेलन हुआ था उस सम्मेलन में इसी बारे में कहा था कि अखिलेश अच्छा काम कर रहा है, अच्छा लड़का है लेकिन उसे काम नहीं करने दिया जा रहा। अखिलेश की सोच युवा है इसीलिए हमने अखिलेश के साथ गठबंधन किया।
राहुल ने कहा, हम गुस्से की राजनीति को रोकना चाहते हैं इसीलिए हमने गठबंधन किया है। हम मिलकर लड़ेंगे। यहां युवाओं की सरकार आएगी।
चुनाव लड़ने के लि दोनों को कम्प्रोमाइज करना पड़ेगा लेकिन यूपी के भविष्य के लिए हम कम्प्रोमाइज करेंगे।
राहुल ने कहा, हम गुस्से की राजनीति को रोकना चाहते हैं इसीलिए हमने गठबंधन किया है। हम मिलकर लड़ेंगे। यहां युवाओं की सरकार आएगी।
राहुल ने कहा, यूपी के लोगों को पता लगे कि उत्तर प्रदेश के डीएनए में गुस्सा नहीं है, भाईचारा है, प्यार है जो भी साथ आना चाहे उसका स्वागत है। उन्होंने कहा कि यूपी के डीएनए में गुस्सा नहीं है।
सोनिया और मुलायम के प्रचार करने पर अखिलेश बोले, बड़े नेताओं का आशीर्वाद मिल जाए तो हमारी जीत हो जाएगी। अखिलेश ने कहा, सर्दी, गर्मी, बरसात के बाद भी अच्छे दिन नहीं आए। अखिलेश ने कहा, कांग्रेस से गठबंधन के बाद मजबूती मिलेगी।
बीजेपी की दंगों पर टास्कफोर्स के गठन की घोषणा पर अखिलेश ने कहा कि टास्कफोर्स सबसे पहले उन्हीं को पकड़ेगी।
अमेठी की सीट पर चल रही खींचतान पर राहुल ने कहा कि पार्टी के अंदर की बात है जिसे हम यहां पर साझा नहीं करना चाहते।
प्रियंका के प्रचार करने की बात पर राहुल ने कहा, प्रियंका मेरी बहन हैं और उन्होंने हमेशा मेरी मदद की है। राहुल ने कहा, मैं मायावती का सम्मान करता हूं, उनकी विचारधारा से देश को खतरा नहीं है लेकिन बीजेपी की विचारधारा से देश को खतरा है।
उससे पहले संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेता अपनी दोस्ती का स्लोगन भी जारी करेंगे। शनिवार शाम दोनों पार्टियों की ओर से साझे कार्यक्रम का पूरा ब्योरा जारी किया गया।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो एक खास रणनीति के तहत राहुल गांधी और अखिलेश यादव के पहले साझे सार्वजनिक कार्यक्रम में मुस्लिम बहुल इलाकों को केंद्र में रखा गया है। रविवार को दिन में एक बजे गोमतीनगर के एक होटल में राहुल और अखिलेश संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसमें दोनों नेता गठबंधन के उद्देश्यों को सामने रखेंगे। साथ ही दोनों अपने फोटो लगा एक स्लोगन ‘यूपी को यह साथ पसंद है’ लॉन्च करेंगे।
उसके बाद दो बजे जीपीओ स्थित गांधी चौराहे से राहुल और अखिलेश का रोड शो शुरू होगा। यह रोड शो मेफेयर चौराहा (हजरतगंज होते हुए) और नॉवेल्टी चौराहा (लाल बाग) होते हुए मुस्लिम बहुल कैसरबाग इलाके में पहुंचेगा। वहां से नजीराबाद रोड होते हुए अमीनाबाद झंडेवाला पार्क, फिर महिला कॉलेज, मौलवी गंज,
रकाबगंज, नक्खास व अकबरी गेट होते हुए चौक चौराहा, कोनेश्वर चौराहा होते हुए हुसैनाबाद घंटाघर पर आएगा, जहां रोड शो जनसभा में बदल जाएगा। यहां बता दें कि कैसरबाग और उससे आगे रोड शो मुस्लिम बहुल इलाकों से ही गुजरेगा।
इस कार्यक्रम के माध्यम से अवाम को ‘विकास से विजय की ओर’ का संदेश दिया जाएगा। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र मदान ने बताया कि रोड शो के दौरान राजधानी में जगह-जगह दोनों नेताओं का धूमधाम के साथ भव्य स्वागत होगा।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जहां लखनऊ महानगर व जिले के कार्यकर्ताओं की कैबिनेट मंत्री अभिषेक मिश्रा के आवास पर बैठक हुई, वहीं कांग्रेसियों ने भी प्रदेश मुख्यालय पर बैठक कर कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में आने की अपील की। माना जा रहा है कि करीब 12 किलोमीटर के इस रोड शो को पूरा होने में ढाई से तीन घंटे लग जाएंगे।