मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विष्णु प्रताप सिंह चौहान की एकलपीठ ने पवई के भाजपा विधायक को राहत देते हुए फिलहाल सजा पर रोक लगा दी है। इसके तहत 7 जनवरी 2020 तक के लिए सजा पर अंतरिम रोक कायम रहेगी। मामला तहसीलदार से मारपीट का था, जिसे लेकर भोपाल की विशेष अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यता समाप्त कर दी थी। भोपाल की विशेष अदालत के फैसले को अपील के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। साथ ही अंतरिम आवेदन के जरिए सजा पर रोक की मांग की गई। बुधवार को आवेदन पर बहस पूरी होने के बाद सुरक्षित आदेश गुरुवार को जारी किया गया।

मामले पर बहस के दौरान के हाईकोर्ट में पन्ना जिले के पवई से भाजपा विधायक रहे प्रह्लाद सिंह लोधी की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया। सरकार की ओर से इसका विरोध किया गया। जस्टिस वीपीएस चौहान की सिंगल बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित कर बाद में सुनाने की व्यवस्था दे दी। लोधी ने भोपाल की विशेष अदालत से सुनाई गई दो साल की सजा को चुनौती देकर जमानत का आग्रह किया है।
यह है पूरा मामला
सतना जिले की तहसील रैपुरा के तहसीलदार आरके वर्मा ने 28 अगस्त 2014 को सिमरिया थाने में रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को जब्त किया। तत्कालीन विधायक प्रहलाद लोधी सहित 12 लोगों ने वापस लौटते समय तहसीलदार वर्मा की जीप रोककर उनके साथ मारपीट की। 31 अक्टूबर 2019 को सांसदों, विधायकों के मामलों की विशेष अदालत ने लोधी को दो साल की जेल और 3,500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। प्रहलाद लोधी ने इसी फैसले को अपील में चुनौती दी। लोधी का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन सिंह व पूर्व महाधिवक्ता पीके कौरव ने रखा। जबकि सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर उपस्थित हुए।
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