नूंह जिला के तावडू खंड के गांव चाहल्का में इन दिनों एक रहस्यमयी बुखार से हड़कंप मचा हुआ है। बुखार से पिछले 10 दिन के अंतराल में एक ही परिवार के 4 बच्चों की मौत हो चुकी है। चार बच्चों की मौत की खबर जैसे ही जिला प्रशासन के पास पहुंचती है तो प्रशासन के हाथ पैर फूल जाते हैं और वह आन्न-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में सैंपल लेने के लिए पहुंच जाती है। स्वास्थ्य विभाग की टीम सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही कुछ बच्चों व परिजनों के सैंपल लेते हैं और जब मीडिया की टीम गांव में पहुंचती है तो स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां से गायब हो जाती है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम से दवाइयां के बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे पास दवाइयां खत्म हो चुकी है। इसका टीम के पास कोई जबाब नहीं था। उसके तुरन्त बाद टीम वहां से गायब हो गई और जब टीम सुंध गांव में बने स्वास्थ्य विभाग के केंद्र पर पहुंची तो सिर्फ ताले लटके हुए मिले और टीम सिर्फ खाना पूर्ति करके ही गांव से चली जाती है।
गौरतलब है कि गांव चाहल्का की ढाणी निवासी साहून के परिवार में 19 अक्टूबर की शाम अचानक उनके चार वर्षीय बेटे अदनान को उल्टी की शिकायत होने लगी। जिसे आनन–फानन में तावड़ू के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां बच्चें की गंभीर हालत को देखते हुए उसे राजस्थान के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। अगले दिन सुबह अदनान ने दम तोड़ दिया। जब वह अपने बच्चे के शव को लेकर गांव पहुंचे। इसी दौरान उनकी सात वर्षीय बेटी अलीशा को उल्टी की शिकायत होने लगी, जिसे नूंह के नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया, जहां गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने वेंटीलेटर पर रखने की बात कही। वेंटीलेटर खाली नहीं होने के कारण बिना उपचार के अलीशा ने भी दम तोड़ दिया। जिसके बाद तीसरे दिन उनके 4 वर्षीय भतीजे नाजिश पुत्र साहिल को भी उल्टियां होने लगी। जिसे राजस्थान के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया। जबकि 4 दिनों से इसी बीमारी से फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में भतीजे दानिश ने भी दम तोड़ दिया। बुखार के बाद उल्टियां होने से एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत से पूरे गांव में हाहाकार मचा हुआ है।