पेरिस ओलंपिक में हरियाणा छोरियां कमाल कर रहीं हैं। बीते दिन मनु भाकर ने देश की झोली कांस्य पदक डाला है। वहीं अब देश को हरियाणा की एक और बेटी से जीत की की उम्मीद है। मनु भाकर के बाद और इंडियन शूटर रमिता जिंदल पेरिस ओलंपिक में फाइनल में पहुंच गई है। रमिता आज यानी सोमवार दोपहर 1 बजे 10 मीटर एयर राइफल इवेंट का फाइनल मैच खेलेंगी।
बता दें कि रमिता ने रविवार को हुए क्वालिफिकेशन राउंड में 631.5 अंकों के साथ पांचवां स्थान हासिल कर फाइनल में जगह पक्की की थी। इसी इवेंट में भारत की एक और निशानेबाज एलवेनिल वालारिवन फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही। साल 2022 एशियाई खेलों में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर रमिता ने अपनी पहचान बनाई थी। वो अपनी कोच सुमा शिरूर (एथेंस 2004) के बाद ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला राइफल शूटर हैं।
हरियाणा की छोरी की शूटिंग में दिलचस्पी
जानकारी के मुताबिक रमिता जिंदल का जन्म 16 जनवरी 2004 को लाडवा में जिंदल परिवार में हुआ। वो दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज की छात्रा है। रमिता के पिता अरविंद जिंदल टैक्स एडवाइजर हैं। 8 साल की उम्र में रमिता ने शूटिंग शुरू की थी। वहीं अरविंद जिंदल बेटी रमिता को कुरुक्षेत्र के करण शूटिंग रेंज में ले गए। यहां से रमिता की शूटिंग में दिलचस्पी बढ़ी और वो स्कूल जाने लगी और फिर शाम को अभ्यास के लिए करण शूटिंग अकादमी जाने लगी। उनकी दृढ़ता और प्रतिभा के कारण उन्हें अलग-अलग और राज्य-स्तरीय मैचों में जीत मिलती रही थी। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी जगह बनाने के बाद साल 2021 जूनियर विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था।
2020 में जीता मेडल
रमिता जिंदल को पहली सफलता तब मिली, जब वह 2018 की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में शीर्ष 10 में रहीं। 2020 में रमिता ने नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में मेडल जीतना शुरू किया। इसके बाद उसे भारतीय शूटर के रूप में पहचान मिली। साल 2023 में बाकू में हुए विश्व चैम्पियनशिप में रमिता जिंदल ने गोल्ड मेडल हासिल किया। यहां मेडल जीतने के बाद उनका PARIS OLYMPIC 2024 में स्थान पक्का हो गया।