हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना जांच में फर्जीवाड़े की आरोपी लैब ने मेला प्रशासन के साथ अनुबंध खत्म होने के बाद भी आईसीएमआर के पोर्टल पर डेटा अपलोड किया। इससे सीएमओ कार्यालय की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। दरअसल मेला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय ने मैक्स कॉरपोरेट व अन्य लैब के साथ कोरोना जांच का अनुबंध 24 अप्रैल तक के लिए किया था।
इसके बाद इन लैब को जांच बंद करनी चाहिए थी। अब जांच में खुलासा हुआ है कि करार खत्म होने के बावजूद लैब 16 मई तक आईसीएमआर के पोर्टल पर जांच का डेटा अपलोड करते रहे। ऐसे में सीएमओ कार्यालय की भूमिका भी संदेह में आ गई है। महाकुंभ के मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर ने बताया कि लैब के साथ 24 अप्रैल तक के लिए जांच का करार हुआ था। लेकिन पोर्टल पर 16 मई तक डेटा अपडेट हुआ है। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीएमओ कार्यालय इसे रोक सकता था।
अन्य लैब्स की जांच हुई तो खुल सकते हैं कई राज : हरिद्वार में अभी एक ही फर्म और उसके द्वारा अनुबंधित लैब के सैंपलों की जांच कराई जा रही है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि यदि महाकुंभ के दौरान जांच करने वाली अन्य लैब के डेटा की भी जांच हुई तो बड़ा घपला सामने आ सकता है।