तड़के वाली उड़द दाल, दाल मखनी, उड़द दाल के दही बड़े, कचौड़ी, पिन्नी और न जाने क्या क्या। त्योेहारों पर उड़द दाल के कई पकवान बनते हैं। पारंपरिक व्यंजनों में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली दाल उड़द दाल ही है। पर कुछ लोगों को लगता है कि उड़द दाल खाने से उन्हें पाचन संबंधी समस्या हो जाती है।
कई तरह की हैं किस्मेें – भारत में सबसे ज्यादा पैदा होने वाली दाल उड़द दाल ही है। यह साबुत, छिलके वाली, दली हुई और धुली हुई कई तरीकों से इस्तेमाल की जाती है। उड़द की दाल अत्यंत बलवर्द्धक, पौष्टिक व सभी दालों में पोषक होती है। इसकी छिलके वाली दाल ज्यादा पौष्टिक होती है। इसके बावजूद कमजोर पाचन वालों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
पुरुषों के लिए भी है लाभदायक – उड़द वीर्य वर्द्धक, हृदय को हितकारी है। यह वात, अर्श का नाश करती है। यह स्निग्ध, विपाक में मधुर, बलवर्द्धक और रुचिकारी होती है। उड़द की दाल अन्य प्रकार की दालों में अधिक बल देने वाली व पोषक होती है। अगर काली उड़द को पानी में 6 से 7 घंटे के लिये भिगो कर उसे घी में फ्राई कर के शहद के साथ नियमित सेवन किया जाए तो पुरुष की यौन शक्ति बढती है तथा सभी विकार दूर होते हैं।
माहवारी में लाभदायक – इसमें बहुत सारा आयरन होता है, जिसे खाने से शरीर को बल मिलता है। यह उन महिलाओं के लिये उपयुक्तम है जिन्हें भारी महावारी होती है, क्यों कि उनके अंदर आयरन की कमी हो जाती है। इसमें रेड मीट के मुकाबले कई गुना आयरन होता है और न हाई कैलोरी होती है और न ही फैट होता है।
एंटी एजिंग – चेहरे पर झाइयां और मुंहासों के दाग को उड़द दाल के फेस पैक से साफ किया जाता है। इससे चेहरे में निखार आता है और चेहरा चमकदार बन जाता है।
हेल्दील हार्ट – कोलेस्ट्रॉशल घटाने के अलावा भी काली उड़द स्वाहस्य्ा। वर्धक होती है। यह मैगनीशियम और फोलेट लेवल को बढा कर धमनियों को ब्लॉसक होने से बचाती है। मैगनीशियम, दिल का स्वा।स्य्िय बढाती है क्यों कि यह ब्लिड सर्कुलेशन को बढावा देती है।
मछली से ज्यादा प्रोटीन – वैसे तो हर दाल में भारी प्रोटीन होता है। वे लोग जो पैसे की कमी की वजह से मीट मछली नहीं खा पाते उनके लिये यह एक सस्ता आहार माना जाता है। शरीर के पूरे विकास और मासपेशियों की मजबूती के लिये प्रोटीन बहुत जरुरी है। प्रोटीन त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
कई व्यंजनों का स्वाद – उड़द का प्रयोग तमाम व्यं‍जन बनाने के काम आता है जैसे, डोसा, पापड़, वड़ा, लड्डू और दाल आदि। जिन लोगों की पाचन शक्ति प्रबल होती है, वे यदि इसका सेवन करें, तो उनके शरीर में रक्त, मांस, मज्जा की वृद्धि होती है। उड़द की दाल में प्रोटीन, विटामिन बी थायमीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन, विटामिन सी, आयरन, कैल्शिलयम, घुलनशील रेशा और स्टार्च पाया जाता है।