श्वसन तंत्र की मजबूती से ऑक्सीजन सभी नस-नाड़ियों तक पहुंचता है, जिससे सांस लेने के दौरान फेफड़े पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता। सिंहासन यही काम करता है। इसे सर्वरोगहारी आसन माना गया है। इससे रक्तसंचार बेहतर होता है, चेहरे तथा गर्दन में कोमलता आती है, हकलाहट दूर होती है और आवाज की मिठास बढ़ती है।
अस्थमा में यह बहुत कारगर है। पद्मासन में बैठें। दोनों हाथ आगे की ओर रखते हुए आगे झुक जाएं। हथेलियां मिली हुई और उंगलियों की दिशा भीतर की ओर हो। अब सांस भरते हुए गर्दन ऊपर की ओर उठाएं और जीभ को बाहर निकालते हुए नजर ऊपर की ओर ले जाएं। सांस छोड़ते हुए सिंह जैसी आवाज निकालें। यह क्रिया तीन बार दुहराएं और अंत में गले की मालिश करें।
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