सर्द हवाओं के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। बुधवार की सुबह दिल्ली घने स्मॉग की चादर में लिपटी रही, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक 376 पर पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, शहर की हवा की गुणवत्ता लगातार चिंताजनक बनी हुई है।
इंडिया गेट और कर्तव्य पथ जैसे प्रमुख इलाकों में स्मॉग की मोटी परत छाई रही, जहां एक्यूआई 356 दर्ज किया गया। यह स्थिति केवल कुछ क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे शहर में फैली हुई है। अलीपुर में 366, आया नगर में 360, बुराड़ी में 396, धौला कुआं में 303, अक्षरधाम में 405 और द्वारका में 377 जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा।
दुनिया के विभिन्न देशों और क्षेत्रों के पीएम2.5 के मानक
दुनिया के विभिन्न देशों और क्षेत्रों के पीएम2.5 वायु गुणवत्ता मानक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए निर्धारित हैं, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) का संदर्भ मानक सबसे सख्त है, जिसमें वार्षिक औसत 5 और 24-घंटे औसत 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
ऑस्ट्रेलिया में वार्षिक मानक 8 और 24-घंटे का 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, जबकि कनाडा का वार्षिक 8.8 और 24-घंटे का माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर निर्धारित है। संयुक्त राज्य अमेरिका में ये मानक क्रमशः 9 और 35 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हैं और यूरोपीय संघ के लिए 10 वार्षिक और 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर 24-घंटे का है।
जापान में वार्षिक 15 और 24-घंटे 35 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, बांग्लादेश में 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर वार्षिक और 65 24-घंटे का मानक है। यूनाइटेड किंगडम का वार्षिक 20 और 24-घंटे 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, जबकि चीन में ये क्रमशः 35 और 75 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हैं। भारत में सबसे अधिक लचीला मानक है, जहां वार्षिक 40 और 24-घंटे 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर निर्धारित किया गया है। ये सभी मानक राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों पर आधारित हैं, और वास्तविक प्रदूषण स्तर अक्सर इनसे ऊपर रहते हैं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal