हसनगंज के खदरा इलाके में गुरुवार को हुए उपद्रव से ठीक पहले सपा के एक कद्दावर स्थानीय नेता ने बहराइच से 60 उपद्रवियों की टोली बुलाई थी। इसकी सूचना खुफिया इकाई ने पुलिस को भी दी थी। जिस क्षेत्र में यह उपद्रवी ठहरे थी उसको पुलिस ने सील तक नहीं किया। इस कारण उसी इलाके में दोपहर करीब एक बजे उपद्रवियों ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया।
दरअसल इस स्थानीय सपा नेता का नाम पहले भी अराजकता फैलाने में सामने आ चुका है। गुरुवार को शहर में उपद्रव से एक दिन पहले ही इस नेता ने बहराइच से बस के जरिए 60 लोगों को एक साथ बुलाया था। यह सभी फरार चल रहे हैं। जल्द ही इस नेता से पुलिस पूछताछ कर सकती है। वहीं दूसरी ओर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में परिवर्तन चौक पहुंचने के लिए उपद्रवियों ने एक बड़ी प्लानिंग की थी। एक तरफ जहां लखनऊ पहुंचने के बाद यह उपद्रवी अलग-अलग छोटे गुटों में बंट गए।
वहीं लखनऊ के भी कुछ उपद्रवियों को एक तय समय पर अलग-अलग इलाकों से निकालने की योजना बनाई गई। इतना ही नहीं दिल्ली, अलीगढ़ सहित कई शहरों के साथ लखनऊ के भी कई कॉलेजों के बच्चों को परिवर्तन चौक पर एकत्र होने का आह्वान किया गया था। लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई थी। ऐसे में सुरक्षा बल को चकमा देने के लिए यह गुट तैयार किए गए। हालांकि इनके छोटे गुटों में आने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था।
सुरक्षा एजेंसियों ने जामिया मिलिया इस्लामिया विवि के स्टूडेंट एसोसिएशन की 17 दिसंबर की एक फेसबुक पोस्ट को पकड़ा था। इसमें लखनऊ के नदवा कॉलेज और इंटीग्रल विवि में हुए उपद्रव का जिक्र किया गया था। इससे जुड़े कुछ लोगों के फेसबुक अकाउंट जब तलाशे गए तो उसमें लखनऊ में 19 दिसंबर को दोपहर दो बजे परिवर्तन चौक पर जमा होने का जिक्र किया गया था। हालांकि लखनऊ आने के लिए कोई संगठन नहीं बना था और न ही उनके बीच किसी बड़े नेता का नाम ही सामने आया।
वहीं सुरक्षा एजेंसियों के कान तब खड़े हो गए, जब यह मैसेज लखनऊ के भी कई कॉलेजों के बच्चों के फेसबुक अकाउंट में देखे गए। सुरक्षा एजेंसियों ने इसका इनपुट भी पुलिस मुख्यालय को दिया था। इसके बाद लखनऊ के कॉलेजों में एहतियात के तौर पर जहां अवकाश घोषित किया गया। वहीं, दूसरी ओर एसएसपी कलानिधि नैथानी ने लखनऊ के कॉलेजों के बच्चों को अवकाश के दिन घर से बाहर न निकलने के लिए अभिभावकों को संदेश दिया था। वहीं बाहर से आने वाले उपद्रवियों के समूह में आने की तैयारी तो की गई, लेकिन इसका अंदाजा नहीं लगा कि वह दो या तीन के ग्रुप में भी आ सकते हैं। बाहर से आने वाले उपद्रवी अलग अलग समय से ट्रेनों और बसों से लखनऊ पहुंचे। यहां वह तितर-बितर हो गए। इसके बाद 19 दिसंबर की सुबह 10 बजे से इन उपद्रवियों का मूवमेंट होने लगा। दोपहर एक बजे के बाद परिवर्तन चौक पर इनका हुजूम था।
बीएसएनएल के इंटरनेट ने दी राहत
भले ही लखनऊ में तीन टेलीकॉम ऑपरेटरों एयरटेल, वोडाफोन और जियो की मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई । लेकिन बीएसएनएल ने लोगों को कुछ राहत जरूर दी। बीएसएनएल का इंटरनेट डाटा बहुत धीमी गति से ही सही लेकिन चलता रहा। वहीं दिन में एसएमएस की सेवाएं बंद रहीं। उधर इंटरनेट सेवाएं बंद होने से मोबाइल फोन भी रिचार्ज नहीं हो सके।