नई दिल्ली: कोरोना से बचने के लिए एकमात्र इलाज टीकाकरण ही है और देश में लोग वैक्सीन लेने के बाद सोशल मीडिया पर इसके बारे में पोस्ट भी कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों टीकाकरण की तस्वीरों के अलावा अपने सर्टिफिकेट को भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं, जोकि सही नहीं है।
सरकार ने कहा है कि टीकाकरण के बाद CoWIN एप्लिकेशन पर जेनरेट होने वाले सर्टिफिकेट को पोस्ट नहीं करना चाहिए। सरकार ने टीकाकरण प्रमाणपत्र ऑनलाइन पोस्ट करने के खिलाफ एक सलाह जारी की है, क्योंकि यह महत्वपूर्ण डेटा है जो प्रमाणपत्र धारक के लिए निजी है और इसे सभी के सामने प्रकट नहीं किया जाना चाहिए।
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अपने साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जागरूकता ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त पर चेतावनी पोस्ट की है।
Beware of sharing #vaccination certificate on social media: pic.twitter.com/Tt9vJZj2YK
— Cyber Dost (@Cyberdost) May 25, 2021
प्रमाणपत्र साझा करना सुरक्षित क्यों नहीं है:
कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र में आपका नाम और अन्य व्यक्तिगत विवरण शामिल हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने टीकाकरण प्रमाणपत्र को साझा करने से बचें, क्योंकि साइबर धोखेबाज आपको धोखा देने के लिए इसका दुरुपयोग कर सकते हैं।
लाभार्थी को टीकाकरण की पहली खुराक मिलने के ठीक बाद सरकार द्वारा जारी प्रमाण पत्र में लाभार्थी का नाम, उनके पहचान पत्र के अंतिम चार अंक, उन्हें मिले टीके का नाम, टीकाकरण का समय और तारीख, टीकाकरण केंद्र का नाम, टीकाकरण की अगली तारीख होती है। यह एक अनंतिम प्रमाण पत्र माना जाता है और टीकाकरण की दोनों खुराक प्राप्त करने पर लाभार्थी को अंतिम प्रमाण पत्र मिलता है।