सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है। इस प्रकार 14 मई को वृषभ संक्रांति है। सनातन शास्त्रों में संक्रांति के दिन स्नान-ध्यान, पूजा, तप और दान करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान ध्यान कर भगवान भास्कर की पूजा उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो 14 मई को सूर्य मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इसका शुभ प्रभाव कई राशियों पर देखने को मिलेगा। सूर्य का वृषभ राशि में गोचर 3 राशि के जातकों को अधिक लाभ देने वाला है। आइए, इन 3 राशियों के बारे में जानते हैं-
मेष राशि
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य के वृषभ राशि में गोचर करने से मेष राशि के जातकों को अधिक लाभ प्राप्त होगा। इन जातकों पर धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। इससे आय में वृद्धि होगी। रुका हुआ धन भी प्राप्त हो सकता है। अगर आप निवेश करने की सोच रहे हैं, तो समय अनुकूल है। वहीं, रोजगार की तलाश में जातकों को भी नौकरी मिल सकती है। इसके अलावा, कारोबार में भी उन्नति के योग हैं। कुल मिलाकर कहें तो मेष राशि के जातकों के लिए समय बहुत अनुकूल है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए भी सूर्य का राशि परिवर्तन शुभ रहने वाला है। इस राशि के स्वामी भगवान भास्कर यानी सूर्यदेव हैं। अतः सूर्य का वृषभ राशि में गोचर सिंह राशि के लिए लाभप्रद रहने वाला है। इस राशि के जातकों को नई नौकरी हेतु ऑफर मिल सकता है। आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। कारोबार की दृष्टि से भी समय अनुकूल रहने वाला है। धन लाभ के प्रबल योग बन रहे हैं।
कन्या राशि
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए भी अच्छा रहने वाला है। कन्या राशि के जातकों की कुंडली के नवम भाव में सूर्य का गोचर होगा। इसे भाग्य भाव भी कहते हैं। अतः सूर्य का वृषभ राशि में गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए किस्मत के दरवाजे खोलने जैसा है। इस राशि के जातकों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। परिवार में खुशियों का माहौल रहने वाला है। धार्मिक यात्रा पर भी जाने के योग हैं।