पुराणों में बताया गया है कि अगर आपकी वैवाहिक जिंदगी में कोई अड़चन है तो आपको महादेव एवं माता गौरी की भक्ति करनी चाहिए। शादी से पहले भी कुंवारी बालिकाएं माता गौरी का आशीर्वाद लेने जाती हैं। इस वक़्त सावन का माह चल रहा है जो 22 अगस्त तक चलेगा। ये पूरा माह शिव जी एवं माता पार्वती को समर्पित होता है। परम्परा है कि सावन का माह महादेव एवं गौरी दोनों को अति प्रिय है। इस माह में भक्ति से की गई थोड़ी सी पूजा भी शिव जी एवं माता पार्वती को खुश कर देती है।
वही ऐसे शुभ महीने में हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे रुद्राक्ष के बारे में जिसे वैवाहिक जिंदगी को बेहतर करने के लिए वरदान कहा जाता है। रुद्राक्ष को लेकर कहा जाता है कि ये महादेव के आंसुओं से इसकी उत्पत्ति हुई थी। इसलिए इसे बहुत पवित्र एवं पूज्यनीय माना जाता है। यूं तो रुद्राक्ष कई प्रकार का होता है, मगर आज हम आपको बताएंगे गौरी-शंकर रुद्राक्ष के बारे में। परम्परा है कि ये एक रुद्राक्ष आपकी वैवाहिक जिंदगी की सभी परेशानियों को हर सकता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से महादेव एवं माता गौरी, दोनों का आशीर्वाद मिलता है। सावन के माह में इसे धारण करना और भी अधिक उत्तम होता है।
वही माना जाता है कि जिन व्यक्तियों का दांपत्य जीवन ठीक नहीं चल रहा है या जिन बालक-बालिकाओं की शादी में देरी हो रही है, उन्हें गौरी-शंकर रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त ये रुद्राक्ष वंश वृद्धि कराने में भी मददगार माना जाता है। ऐसे में जिन व्यक्तियों को किसी कारणवश संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो पा रही, उनके लिए भी गौरी-शंकर रुद्राक्ष बहुत प्रभावशाली कहा जाता है। जिन पुरुषों को यौन समस्या है तथा जिन महिलाओं का गर्भ नहीं ठहरता, उन्हें शिव जी और पार्वती माता रुद्राक्ष पहनने से बहुत फायदा प्राप्त हो सकता है।