हर किसी की अपनी लाइफस्टाइल होती है, जिसके मुताबिक वो अपने घर को सजाता-संवारता है. घर के दरवाज़े से लेकर बेडरूम, गेस्टरूम और बाथरूम तक को सजाया जाता है. अपनी पसंद और ज़रूरत के मुताबिक यहां पर चीज़ें रखी जाती हैं तो कई बार ऐसा भी होता है कि इंसान साफ-सफाई के मकसद से कुछ चीज़ों को अपने घर में जगह दे देता है लेकिन उसे इससे जुड़ा खतरा पता ही नहीं होता है.
एक ऐसी ही चीज़ के बारे में सोशल मीडिया पर बात की डॉक्टर स्कॉट नूरदा (Dr Scott Noorda) ने. डॉक्टर ने बताया है कि बाथरूम में अक्सर पाई जाने वाली एक चीज़ कैंसर की वजह बन सकती है. अक्सर लोग इसे सफाई के मकसद से रखते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि इससे सेहत का कितना नुकसान है. चलिए बाथरूम में अक्सर पाई जाने वाली ऐसी चीज़ पर बात करते हैं.
बाथरूम में मौजूद होती है ये टॉक्सिक चीज़
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक उताह में फिज़ीशियन डॉक्टर स्कॉट नूरदा (Dr Scott Noorda) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बताया है कि बाथरूम में टंग रहने वाले प्लास्टिक के पर्दे अपने आपमें ज़हर हैं. इनसे निकलने वाले ज़हरीले कैमिकल्स हमारे इम्यून सिस्टम यानि रोगों से लड़ने की क्षमता को खत्म करते हैं. इतना ही नहीं इससे फर्टिलिटी में दिक्कत और कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी तक हो सकती है. दरअसल ये पर्दे पॉलविनिल क्लोलाइड यानि पीवीसी के बने होते हैं, जो सिंथेटिक प्लास्टिक है. इसे निर्माण कार्यों, फूड पैकेजिंग, वायरिंग और गम बूट्स बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.
अभी हटा दें प्लास्टिक के पर्दे
डॉक्टर नूरदा ने बताया कि ये पर्दे लोगों को सिरदर्द, गुस्सा जैसे लक्षण पैदा करते हैं और फर्टिलिटी से लेकर कैंसर तक का रिस्क देते हैं. उन्होंने बताया कि इनकी जगह कपड़े के पर्दे लगाए जा सकते हैं. पीवीसी में विनिल क्लोराइड जैसी बिना रंग की गैस होती है, जो तंबाकू के धुएं में पाई जाती है. इससे लिवर, ब्रेन और लंग कैंसर हो सकता है, जबकि ये लिम्फोमा और ल्यूकेमिया की भी वजह बन सकता है. ऐसे में प्लास्टिक के पर्दे की जगह या तो कपड़े के पर्दे लगाएं या फिर कांच के दरवाज़े वाले शॉवर का इस्तेमाल करें.