उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण का विरोध अब और मुखर होगा। लंबे समय से चल रहा विरोध अब बड़े स्तर पर होगा। सरकार निजीकरण के क्रम में पहले पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को निजी हाथों में सौपने की तैयारी में है। इसी के विरोध की तैयारी को लेकर रविवार को लखनऊ में रणनीति पर विचार होगा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने रविवार को सभी जिलों तथा परियोजनाओं के संयोजकों व सह संयोजकों की बैठक बुलाई है। जिसमें बिजली कंपनियों के निजीकरण का विरोध और कार्मिकों के उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में संघर्ष समिति से जुड़े हुए सभी घटक श्रम संघों और सेवा संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने बताया है कि बैठक में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में एक वर्ष से अधिक समय से चल रहे संघर्ष की समीक्षा की जाएगी।
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