मोदी लहर के बाद वोटरों के साथ ही नई पीढ़ी भी कांग्रेस से दूर जा छिटकी है। बंजर नजर आ रही भविष्य की जमीन को सुधारने के लिए कांग्रेस के नीति निर्धारकों ने अब नई पीढ़ी को जोड़ने के लिए नया तरीका अपनाया है। प्रयास है कि सामान्य ज्ञान के बहाने स्कूल-कॉलेज के छात्रों को कांग्रेस शासनकाल में हुए काम पढ़ाए और रटाए जाएं और फिर प्रतियोगिता में यही जवाब देने वाले विजेताओं को पुरस्कृत किया जाए।
राजीव गांधी सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन कांग्रेस ने पिछले वर्ष भी किया था। इस बार फिर वही प्रतियोगिता 13 और 14 सितंबर को होने जा रही है। इस आयोजन को लेकर पार्टी खासी गंभीर है, क्योंकि उसे लगता है कि इसके माध्यम से वोटर बनने के लिए तैयार हो रही नई पीढ़ी को कांग्रेस से जोड़ा जा सकता है। वर्तमान में हर तरफ नजर आ रहे मोदी प्रभाव से इतर उसे समझाया जाए कि इससे ज्यादा अच्छे और जनहित के काम कांग्रेस के शासनकाल में हुए हैं।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि प्रतियोगिता के लिए प्रश्नोत्तरी तैयार की जा रही है, जिसमें 75 फीसद प्रश्न कांग्रेस और कांग्रेस शासनकाल से ही जुड़े होंगे। मसलन, प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और यूपीए सरकार में दो बार प्रधानमंत्री रहे डॉ.मनमोहन सिंह के कार्यकाल में क्या बड़े फैसले हुए।
चूंकि, प्रतियोगिता राजीव गांधी के नाम है, इसलिए सूचना क्रांति, मतदान के अधिकार और शादी की न्यूनतम आयु तय करने जैसे फैसलों पर भी सवाल होंगे। चूंकि यह प्रतियोगिता सामान्य ज्ञान की नजर आए, इसलिए 25 फीसद प्रश्नों में अन्य प्रश्नों के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पीवी नरसिम्हा राव और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल से भी जुड़े सवाल होंगे।
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद हैं, इसलिए प्रतियोगिता कराने में चुनौती भी सामने है। इसी को देखते हुए मंगलवार को प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सचिन नाईक, धीरज गुर्जर, बाल खाड़े, जुबैर खान और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह ने हर जिले के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। उन्हें छात्रों से फॉर्म भरवाने और उन तक प्रतियोगिता से संबंधित पाठ्य सामग्री पहुंचाने का जिम्मा सौंपा गया। इसी संबंध में बुधवार को विधायक और पूर्व विधायकों की बैठक भी प्रस्तावित है।